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प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में प्रदेश के 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यशाला का आयोजन मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में किया जा रहा है, जिसमें मतदान केंद्रों के पुनर्गठन, वोटर लिस्ट अपडेट और नए दिशा-निर्देशों पर विस्तार से चर्चा होगी। इससे पहले दो दौर की ट्रेनिंग आयोजित हो चुकी है।
बूथों पर सीमित होंगे मतदाता
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रिणवा ने बताया कि चुनाव आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता तय किए हैं, जबकि पहले यह सीमा 1500 थी। इस बदलाव के कारण राज्य में 19,500 नए पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधा मिल सके। यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, महात्मा गांधी मार्ग स्थित सभागार में सुबह 10 बजे से शुरू होगा। इसमें लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, बरेली, गाजियाबाद, झांसी और कानपुर सहित 38 जिलों के डीएम भाग लेंगे।
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इन बिंदुओं पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950
- निर्वाचक नामावली नियम, 1960
- भारत निर्वाचन आयोग के मैन्युअल्स और दिशा-निर्देश
- संविधान से संबंधित चुनावी प्रावधान
- मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया
- BLO और SDM की नई जिम्मेदारियां
- मतदेय स्थलों का पुनर्गठन और स्थान निर्धारण
- तकनीकी और कानूनी समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया
यूपी को टॉप-3 में बनाए रखना है
सीईओ रिणवा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले से ही देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन राज्यों में शामिल है, लेकिन मतदाता अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास तेज किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली मतदाता सूचियों में नाम न आने की शिकायतों को प्राथमिकता से हल किया जाएगा।
BLO की जवाबदेही बढ़ेगी
अब SDM अधिकारियों को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) के रूप में अधिक जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वहीं, BLO की नियुक्ति, कार्य और जवाबदेही सीधे डीएम की निगरानी में होगी। साथ ही, राष्ट्रीय शिकायत निवारण पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का शीघ्र समाधान भी सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य में वर्तमान में 1,62,462 पोलिंग स्टेशन हैं, जिनकी पुनर्समीक्षा और पुनर्गठन की जिम्मेदारी ARO अधिकारियों को दी गई है। इस समीक्षा के जरिए चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने का लक्ष्य है।
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