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प्रतिबंधित कोडीन सिरप तस्करी रैकेट पर एसटीएफ का बड़ा प्रहार, मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का करीबी सहयोगी अमित सिंह टाटा गिरफ्तार

लखनऊ में प्रतिबंधित कोडीन मिक्स कफ सिरप तस्करी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए STF ने सिंडिकेट से जुड़े अहम सदस्य अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार कर लिया। वह फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का करीबी सहयोगी है।

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Shishir Patel
STF Arrest

कफ सिरप कांड।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  प्रतिबंधित कोडीन मिक्स कफ सिरप की अवैध तस्करी में एसटीएफ ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंडिकेट के अहम सदस्य अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही व्यक्ति है जिसे फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। एसटीएफ अब उससे पूरे नेटवर्क को लेकर विस्तृत पूछताछ कर रही है।जांच में सामने आया कि झारखंड की फार्मा कंपनी देवकृपा सीधे तौर पर अमित सिंह टाटा से जुड़ी हुई है और इसी चैनल के जरिए प्रतिबंधित कफ सिरप की बड़े पैमाने पर आपूर्ति होती थी। पूरे रैकेट का संचालन वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल करता था, जो 5 नवंबर को कार्रवाई के बाद दुबई भाग गया।

सिंडिकेट का खुलासा, कब, कैसे और कौन-कौन शामिल?

18 अक्टूबर को सोनभद्र पुलिस ने इस सिंडिकेट का पहला खुलासा किया था। इसके बाद 4 नवंबर को गाजियाबाद से सौरभ त्यागी पकड़ा गया। तभी से एसटीएफ शुभम जायसवाल और उसके नजदीकी सहयोगियों की तलाश में थी।पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि अमित टाटा ने कोडीन सिरप को बांग्लादेश और नेपाल तक सप्लाई करवाया। वाराणसी की कोतवाली में उसके खिलाफ पहले से मुकदमा दर्ज है, जबकि उसके पिता अशोक सिंह और संबंधित फर्म पर भी एफआईआर हो चुकी है।

दुबई–झारखंड–बांग्लादेश तक फैला तस्करी का नेटवर्क

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार दुबई में बैठा मेरठ का आसिफ इस पूरे रैकेट से जुड़ा है। झारखंड से लेकर बांग्लादेश बॉर्डर तक कफ सिरप पहुंचाने में ‘आईडी’ नाम का एक व्यक्ति सक्रिय भूमिका निभाता है। एसटीएफ उसकी तलाश कर रही है। गिरोह से जुड़े कई लोग अभी एसटीएफ के रडार पर हैं, जिनमें यूपी पुलिस से बर्खास्त एक सिपाही का नाम भी शामिल है।

पूरी तस्करी कैसे चलती थी, जानिये 

तस्कर झारखंड की फार्मा फर्म की आड़ में बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप की खरीद करते थे, फिर ट्रकों और निजी वाहनों से यूपी, बिहार और उसके बाद बांग्लादेश बॉर्डर तक माल पहुंचाया जाता था। दुबई में बैठे मास्टरमाइंड शिपमेंट और वित्तीय लेनदेन को संभालते थे। अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ को इस पूरे नेटवर्क की ढांचागत जानकारी मिल रही है और आगे और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

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