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एसटीएफ ने रंगे हाथ पकड़ा दवा कारोबारी को पकड़ा , नोटों की गिनती करती टीम।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।यूपी पुलिस की छवि अक्सर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों से घिरी रहती है, लेकिन इसी विभाग में कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जो वर्दी की साख को ऊंचा उठाने का काम करते हैं। इसका ताजा उदाहरण आगरा में सामने आया, जहां एसटीएफ इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने ईमानदारी का परिचय देकर पूरे पुलिस विभाग का मान बढ़ाया।
हेमा मेडिको पर मिला था अवैध दवाओं का जखीरा
दरअसल, एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने आगरा के फव्वारा बाजार स्थित हेमा मेडिको पर छापेमारी की। यहां भारी मात्रा में नकली और अवैध दवाओं का जखीरा बरामद हुआ। कार्रवाई के दौरान मेडिकल स्टोर संचालक हिमांशु अग्रवाल ने एसटीएफ टीम को कार्रवाई रोकने के एवज में एक करोड़ रुपये रिश्वत देने की कोशिश की। मगर इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने इस पेशकश को सख्ती से ठुकराते हुए हिमांशु को रंगे हाथ पकड़ लिया और सलाखों के पीछे भेज दिया।
बड़ी मात्रा में दवाएं बिना बिल के खरीदी-बेची जाती थीं
जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरा नेटवर्क हवाला के जरिए संचालित होता है। दवा कारोबारी असली बिल की आड़ में नकली दवाओं का कारोबार करते थे। बड़ी मात्रा में दवाएं बिना बिल के खरीदी-बेची जाती थीं और भुगतान हवाला चैनल से किया जाता था। हिमांशु ने भी रिश्वत देने के लिए हवाला के जरिए ही रकम मंगवाई थी।सूत्रों के मुताबिक, हिमांशु अग्रवाल ने फव्वारा बाजार की एक छोटी सी दुकान से शुरुआत की थी और धीरे-धीरे अवैध कारोबार के बल पर मोती कटरा में बड़ा गोदाम और कमला नगर में आलीशान कोठी तक खड़ी कर ली।
एसटीएफ अब इस पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुट गई
आयकर विभाग ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है।एसटीएफ अब इस पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुट गई है। पूछताछ में कई और बड़े नाम सामने आए हैं, जिन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा की ईमानदारी और तत्परता ने न केवल पुलिस विभाग की साख को ऊंचा किया है बल्कि यह भी साबित किया कि वर्दीधारी हर कोई भ्रष्ट नहीं होता।
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