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दो तोता तस्कर गिरफ्तार।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करी करने वाले एक सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो तस्करों को 650 प्रतिबंधित तोतों सहित गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तस्कर लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र में सीतापुर रोड स्थित आउटर रिंग रोड (किसान पथ) से दबोचे गए। इनमें जीवित तोतों की संख्या 295 जबकि मृत 355 बताई गई है।एसटीएफ को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ तस्कर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से संरक्षित प्रजाति के पक्षियों की अवैध तस्करी कर रहे हैं। इस पर एसटीएफ मुख्यालय से टीमों को सतर्क किया गया और अभिसूचना संकलन का कार्य शुरू किया गया।
मुरादाबाद से लखनऊ होते हुए गोरखपुर ले जाए जा रहे थे तोते
18 अक्टूबर की रात करीब 9:50 बजे एसटीएफ को सूचना मिली कि एक मारुति बलेनो कार (संख्या UP16 BK 4949) से मुरादाबाद से प्रतिबंधित पक्षी लखनऊ होते हुए गोरखपुर भेजे जा रहे हैं।इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा, उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव व उनकी टीम ने बीकेटी थाना क्षेत्र में वन विभाग व स्थानीय पुलिस के सहयोग से घेराबंदी कर वाहन की तलाशी ली।तलाशी के दौरान कार से सात पिंजरे और चार प्लास्टिक बैगों में भरे कुल 650 रोज रिंग पराकीत (Psittacula krameri) व प्लम हेडेड पैराकीट (Psittacula cyanocephala) बरामद हुए।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान
जितेन्द्र सिंह पुत्र उदयभान सिंह, निवासी ग्राम मवई ठकुरान, थाना असमोली, जनपद सम्भल।
संजीव पुत्र मुखराम सिंह, निवासी पंडित नगला, थाना कटघर, जनपद मुरादाबाद।
गिरफ्तार तस्करों के पास से 3 मोबाइल फोन, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बीओबी रूपे कार्ड, 5020 नकद और मारुति बलेनो कार भी जब्त की गई है।
गिरफ्तार तस्करों ने किया सनसनीखेज खुलासा
पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये प्रतिबंधित तोते मुरादाबाद निवासी राजकुमार नामक व्यक्ति ने दिए थे, जिन्हें गोरखपुर निवासी रईस के पास पहुँचाना था। तस्कर लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय थे और पक्षियों की आपूर्ति विभिन्न राज्यों तक करते थे।
वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मुकदमा दर्ज
वन विभाग की तहरीर पर बीकेटी रेंज, बीट इटौंजा के अंतर्गत रेंज केस संख्या 04/2025-26 दर्ज किया गया है। अभियुक्तों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराएँ 9, 11, 38, 39, 48, 48A, 49, 50, 51 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52क/57 के तहत मामला दर्ज किया गया है।आगे की विधिक कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जा रही है।
एसटीएफ की सतर्कता से बचाई गई सैकड़ों पक्षियों की जान
एसटीएफ की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि अवैध वन्यजीव व्यापार की जड़ें प्रदेश के विभिन्न जिलों तक फैली हैं। लखनऊ एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई ने न केवल सैकड़ों पक्षियों को तस्करी से मुक्त कराया, बल्कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत एक बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क पर भी लगाम लगाने में सफलता पाई।
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