लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ रविवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में छात्रों ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय छात्र परिषद से जुड़े छात्रों ने धरने पर बैठकर चाय और पंचर की दुकानें लगाईं। छात्रों ने मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द फीस रेगुलेशन एक्ट लागू करे। धरना स्थल पर छात्र ‘शिक्षा का बाजारीकरण बंद करो, सस्ती शिक्षा सबका अधिकार’ जैसे नारे लगाते नजर आए। छात्रों का कहना है कि निजी स्कूल शिक्षा को व्यापार बना चुके हैं, जिससे मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
नेता अपने बच्चों को हमारे पास भेजें
राष्ट्रीय छात्र परिषद के अध्यक्ष शिवम पांडेय ने कहा, “जो नेता कहते हैं कि चाय बेचना रोजगार है, हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे अपने बच्चों को हमारे पास भेजें, हम उन्हें इंटर्नशिप देंगे और सिखाएंगे कि चाय और पंचर की दुकान कैसे चलाई जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई निजी स्कूल अभिभावकों पर किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट सेवा भी स्कूल से लेने का दबाव बना रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा की यह सीधा-सीधा शोषण है और इसके खिलाफ हम पूरे प्रदेश में जन-जागरूकता अभियान चलाएंगे।
प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान की तैयारी
छात्र नेता कृष्णा यादव ने बताया कि जल्द ही पूरे प्रदेश में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य आम लोगों को निजी स्कूलों की फीस नीति के खिलाफ जागरूक करना और फीस रेगुलेशन एक्ट के लिए जनसमर्थन जुटाना है। वहीं, आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि "प्रदेश में शिक्षा अब आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है। कई परिवारों की पूरी आय केवल स्कूल फीस, किताबें और परिवहन पर खर्च हो रही है।"
अभिभावकों की जेब पर भारी शिक्षा
छात्रों का कहना है कि राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाते हुए ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण हो और शिक्षा सभी के लिए सुलभ बन सके। प्रदर्शन में शिवम पांडेय, कृष्णा यादव, आदित्य प्रताप सिंह, विवेक पांडेय, श्रेष्कर यादव, शुभम मिश्रा, रुद्र प्रताप, हिमांशु तिवारी, प्रियांशु शेखर, अभय वर्मा, रतन भदौरिया और मुर्तजा हिलाल सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।