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ऑनलाइन ट्रांसफर के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने शुक्रवार को लखनऊ में प्रदर्शन किया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय के बाहर प्रदेश भर से आए शिक्षक बड़ी संख्या में एकत्र हुए और ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ऑफलाइन तबादले की मांग की।
ऑनलाइन प्रणाली से शिक्षकों की बढ़ी परेशानी
प्रदर्शन का नेतृत्व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश त्रिपाठी ने किया। उन्होंने कहा कि सरकार वर्षों से शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। शिक्षकों ने बार-बार ज्ञापन सौंपे, वार्ताएं कीं और अपनी समस्याओं को रखा, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। इस बार तबादले की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर देने से हालात और खराब हो गए हैं। ऑनलाइन सिस्टम में पारदर्शिता और सुविधा के नाम पर शिक्षकों को तकनीकी झंझटों, मनमाने चयन और पारिवारिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। खासकर वे शिक्षक जो वर्षों से पारिवारिक आधार पर स्थानांतरण की उम्मीद लगाए बैठे थे, उन्हें इस प्रणाली ने गहरी निराशा दी है।
ऑनलाइन ट्रांसफर से पारिवारिक जीवन भी प्रभावित
प्रदर्शन कर रहें शिक्षकों ने कहा कि ऑफलाइन ट्रांसफर न होने से कई शिक्षकों के पारिवारिक रिश्तों में तनाव आ गया है। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए कहा कि 29 मार्च 2025 से पहले नियुक्त शिक्षकों को इसका लाभ मिलना चाहिए। साथ ही, 2006 से 2015 के बीच रिटायर हुए शिक्षकों की पेंशन का पुनः निर्धारण करने की मांग भी उठाई।
30 जून को आनी थी ट्रांसफर सूची
शिक्षक ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी ऑफलाइन ट्रांसफर की प्रक्रिया के तहत आवेदन लिए गए थे। 30 जून को सूची जारी होनी थी, लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं आया। विभागीय अधिकारी बस यह कहकर बात टाल रहे हैं कि मंत्री स्तर से निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे। वे तब तक शिविर कार्यालय से नहीं हटेंगे, जब तक ऑफलाइन ट्रांसफर आदेश हाथ में नहीं आ जाता।