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School Merger : सरकारी स्कूलों के विलय का विरोध, शिक्षक लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने एक्स पर लिखा कि बंद कमरे में बैठकर मात्र संख्या के आधार पर विद्यालय बंद करने वाले जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं।

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Deepak Yadav
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सरकारी स्कूल बंद होने का विरोध करती महिलाएं Photograph: (ybn)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी सरकार के 50 से कम बच्चों वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के विलय के फैसले का विरोध हो रहा है। शिक्षक संगठन इसे शिक्षा के अधिकार पर कुठाराघात और शिक्षकों की नौकरी पर खतरा बता रहे हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने 27 हजार परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का विरोध करते हुए लखनऊ में आंदोलन की चेतवानी दी है। 

कम संख्या के खेल में बर्बाद हो रही शिक्षा

संगठन के अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने सोमवार को अभिभावकों का वीडियो एक्स पर पोस्ट किया। इसमें देखा जा रहा है कि महिलाओं में स्कूल बंद होने पर सड़क जाम कर दी है। डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने लिखा कि बंद कमरे में बैठकर मात्र संख्या के आधार पर विद्यालय बंद करने वाले जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं। युग्मन या पेयरिंग जैसे शब्दों का प्रयोग करके बंद विद्यालय को छिपा नहीं सकते। अब अभिभावकों या ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर आ रहा है। विद्यालय बंद होने से छात्र दूसरे विद्यालय में नहीं जा रहे हैं। जिससे उपस्थिति गिर रही है। जोकि विद्यालय बंद करने की नीति की विफलता बता रही है। आंख मूंद कर काम करने वाले अधिकारी इस नीति की विफलता पर पर्दा डालने के लिये शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं कि वो छात्र को उसके घर से बुलाकर लायें और इसके लिए शिक्षक को नोडल अधिकारी का नाम दिया जा रहा है। 

लखनऊ में आंदोलन का एलान

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डॉ शर्मा ने आगे लिखा कि शिक्षकों की मंच से आलोचना करके उन्हें अपमानित किया जाता है, लेकिन जब उनसे गैर शैक्षणिक कार्य लेना होता है तो उनके आगे अधिकारी लगाया जाता है। जैसे नोडल अधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी, मतदान अधिकारी इत्यादि। शिक्षक की नियुक्ति पढ़ाने के लिए हुई है। घर घर से बच्चे बुलाने के लिये नहीं। वार्ता में जिन नामचीन विद्यालयों से तुलना की जाती है, क्या उन स्कूलों के प्रिंसिपल घर चक्कर लगाते हैं? शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षक को 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर वेतन रोकने के पत्र जारी किए जा रहे हैं। यह तानाशाही है। इसके विरोध में जल्द ही शिक्षक लखनऊ में आंदोलन करेंगे।

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