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खेल विभाग में भर्ती को मंजूरी पर यूपी ओलंपिक एसोसिएशन ने सीएम योगी का जताया आभार Photograph: (google)
- प्रतिभागी खिलाड़ियों को भी अवसर देने की रखी मांग
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।खेल विभाग में नए अधिकारियों की भर्ती को मंजूरी दिए जाने पर उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार का आभार जताया है। एसोसिएशन ने इस पहल को प्रदेश में खेलों की प्रगति और खिलाड़ियों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया है। इसी के साथ एसोसिएशन ने अपील की है कि विभिन्न खेलों की प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के प्रतिभागी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को भी खेल कोटे से भर्ती में जगह दी जाये।
क्रीड़ाधिकारी और उपक्रीड़ाधिकारी पदों पर नियुक्ति
हालिया प्रस्ताव के अंतर्गत 16 क्रीड़ाधिकारी और 84 उपक्रीड़ाधिकारी के पदों पर नियुक्ति की जाएगी। जिसको एसोसिएशन के महासचिव डॉ. आनन्देश्वर पाण्डेय ने सराहनीय बताते हुए कहा कि यह कदम न केवल प्रदेश में खेलों के बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि खिलाड़ियों को करियर के बेहतर अवसर भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह का आभार व्यक्त किया।
डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने इस बात पर हर्ष जताया कि वर्तमान में ओलंपिक, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप के पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के पदों पर नियुक्ति का प्रावधान है। हालांकि उन्होंने ये भी मांग की है कि इन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में केवल पदक विजेताओं ही नहीं, बल्कि प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को भी खेल कोटे के तहत भर्ती में उचित अवसर दिया जाना चाहिए।
पदक विजेताओं को भर्ती में प्राथमिकता की मांग
इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों (साउथ एशियन गेम्स) के पदक विजेताओं और प्रतिभागियों को भी इस कोटे में शामिल करने का अनुरोध किया। डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने ये भी सुझाव दिया कि यदि किसी भर्ती के लिए आवश्यक अर्हता में एनआईएस डिप्लोमा जरुरी हो तो तो उन्हें पांच वर्षों की अवधि में विभागीय अनुमति से यह डिप्लोमा प्राप्त करने का अवसर दिया जाना चाहिए।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रदेश में लौटने का अवसर
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से इससे दूसरे राज्यों में जीवन यापन कर रहे यूपी के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रदेश में लौटने और सेवा करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रकार की समावेशी नीति से न केवल उत्तर प्रदेश में खेलों को नई दिशा मिलेगी, बल्कि खिलाड़ियों का अन्य राज्यों की ओर हो रहा पलायन भी रुकेगा।
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