लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। आयकर विभाग के भीतर की उठापटक अब सार्वजनिक बहस का मुद्दा बन चुकी है। लखनऊ स्थित इनकम टैक्स ऑफिस में दो वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों के बीच हुए झगड़े ने न केवल विभागीय अनुशासन और गरिमा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है, बल्कि इसमें करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की परतें भी खुलती नजर आ रही हैं। आरोपों का सिलसिला, वायरल वीडियो, आधी रात तबादला और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं ने इस मामले को बेहद संवेदनशील बना दिया है।
क्या है पूरा मामला, जानिए
बता दें कि शुक्रवार को इनकम टैक्स लखनऊ मुख्यालय में चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर विवेक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर उत्तराखंड के काशीपुर से आए ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा ने जब कमिश्नर प्रशासन ऋचा रस्तोगी के चैंबर में प्रवेश किया, तो वहां पहले से मौजूद डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि हाथापाई शुरू हो गई। इस घटना में गौरव गर्ग घायल हो गए, जिनका इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है।
गौरव गर्ग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे
योगेंद्र मिश्रा का आरोप है कि वे और गौरव गर्ग पहले कानपुर में साथ कार्यरत थे। मिश्रा के अनुसार, उस दौरान गौरव गर्ग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जिसकी उन्होंने लिखित शिकायत भी दी थी। मिश्रा ने आरोप लगाया कि लखनऊ स्थित विभूतिखंड में इनकम टैक्स विभाग की नई ट्रेनिंग बिल्डिंग के निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ है। करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से बनी इस बिल्डिंग में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। मिश्रा ने जांच समिति बनाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की, जिसे लेकर विभाग में खलबली मच गई।
पत्नी के माध्यम से वीडियो का करवाया वायरल
इसी दौरान विभागीय क्रिकेट मैच में मिश्रा और अन्य अधिकारियों के बीच विवाद हुआ, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। मिश्रा का आरोप है कि उसी वीडियो को डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग ने अपनी आईपीएस पत्नी के माध्यम से एक यूट्यूब स्टिंगर को भेजा और फिर वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करवा दिया गया।
आधी रात को ट्रांसफर और RTI के जरिए जवाब की तलाश
इस वीडियो वायरल होने के कुछ ही दिनों बाद मिश्रा का तबादला कर दिया गया। मिश्रा का दावा है कि उन्हें ट्रांसफर का कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया, बल्कि उन्हें इसकी जानकारी एक ट्विटर हैंडल से मिली। मिश्रा ने इस पूरे घटनाक्रम पर आरटीआई दाखिल कर विभाग से जवाब मांगा है कि उनका तबादला आधी रात में किन कारणों से किया गया।
स्टिंगर से खुलवाया सच, 50 हजार रुपये की मांग का आरोप
योगेंद्र मिश्रा का दावा है कि उन्होंने स्टिंगर से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी निकाली। आरोप है कि स्टिंगर ने उनसे 50 हजार रुपये ‘चैरिटी’ के नाम पर मांगे और यह स्वीकार किया कि वीडियो आईपीएस अधिकारी के माध्यम से ही आया था। इस संबंध में मिश्रा ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में भी शिकायत दर्ज कराई है।
घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग और पुलिस कार्रवाई
कमिश्नर प्रशासन ऋचा रस्तोगी के कार्यालय में हुई हाथापाई की घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो चुकी है। मामले में डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग ने हजरतगंज थाने में मिश्रा पर जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज कराई है। डीसीपी मध्य लखनऊ, आशीष श्रीवास्तव ने पुष्टि की है कि घटना की जांच की जा रही है और गौरव गर्ग खतरे से बाहर हैं।आज या कल में उनकी छुट्टी हो जाएगी।
अखिलेश यादव का तीखा हमला
इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स (ट्विटर) पर इस घटना को लेकर कहा,“भाजपा सरकार में अब तक पुलिस बनाम पुलिस हो रहा था, अब अधिकारी बनाम अधिकारी हो रहा है। लखनऊ में आईआरएस अधिकारी को पीटा गया। इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए, ऐसी घटना क्यों घटी, इसके सूत्र किससे जुड़े?”
विभागीय नियमों की अनदेखी
सूत्रों की मानें तो इनकम टैक्स विभाग में किसी भी आईआरएस अधिकारी का ट्रांसफर बिना टेन्योर और सेक्योरिटी नियमों के नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक विभागीय समिति की बैठक जरूरी होती है, जिसमें अधिकारी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर ही ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन मिश्रा के मामले में ऐसा कोई रिकॉर्ड या समिति की रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
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