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यश का फाइल फोटो
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में मोहनलालगंज के धनुवासाड़ गांव का 13 वर्षीय यश, जो कक्षा छह का छात्र था, अब इस दुनिया में नहीं है। उसका अपराध सिर्फ इतना था कि वह ऑनलाइन गेम फ्री फायर के जाल में उलझ गया और साइबर गैंग का शिकार बन गया। पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि बिहार से संचालित एक गिरोह ने गेम के बहाने उसे लगातार गुमराह किया और उसके जरिए लाखों रुपये ऐंठ लिए।
यश की दोस्ती बिहार के एक युवक व उसकी महिला साथी से हुई थी
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इंस्टाग्राम के जरिए यश की दोस्ती बिहार के एक युवक और उसकी महिला साथी से हुई थी। दोनों लगातार यश से संपर्क में रहते और उसे ऑनलाइन गेमिंग में बड़ा पैसा जीतने का झांसा देते। यश से यूपीआई के जरिये बार-बार रकम मंगाई गई। बैंक रिकॉर्ड बताते हैं कि उसके पिता सुरेश यादव के खाते से 400 से अधिक बार ट्रांजैक्शन हुआ और रकम सीधे बिहार के छह अलग-अलग खातों में भेजी गई। इनमें एक महिला के नाम से भी खाता है।
एक बार फोन न मिलने से मां का दबा दिया था गला
परिजनों के अनुसार, यश मोबाइल फोन के लिए आक्रामक हो चुका था। एक बार तो उसने फोन न मिलने पर मां का गला तक दबा दिया था। हाल ही में उसने 85 हजार रुपये की एप्पल वॉच खरीदी थी, जिसे गिरोह के लिए मंगवाने की आशंका है। पुलिस मान रही है कि यश का मोबाइल फोन साइबर अपराधियों के कब्जे में था और संभवतः उन्होंने ही साक्ष्य मिटाने के लिए इसे फॉर्मेट किया।
आत्महत्या से एक दिन पहले भी 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे
बैंक जांच से पता चला है कि यश ने आत्महत्या से एक दिन पहले भी 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। गांव के बच्चों का कहना है कि यश अक्सर बताता था कि उसे करोड़पति बनाने का लालच दिया गया है। परिवार का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बिहार जाने की जिद कर रहा था, जिससे यह शक गहराता है कि गैंग ने उसे अपने पास बुलाने की तैयारी कर ली थी।
पुलिस से कॉल डिटेल और मोबाइल डेटा की जांच की मांग की
यश की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। पिता सुरेश यादव ने पुलिस से कॉल डिटेल और मोबाइल डेटा की जांच की मांग की है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सरकार पर आरोप लगाया कि प्रतिबंधित गेम होने के बावजूद यह बच्चों तक आसानी से पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे गेम परिवारों को उजाड़ रहे हैं और सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।
बिहार के खातों और कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
एसपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने बताया कि मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस साइबर गिरोह तक पहुंचने के लिए बिहार के खातों और कॉल डिटेल खंगाल रही है। साथ ही, मोहनलालगंज पुलिस ने गांव में बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी किया, जिसमें कहा गया कि बच्चों को अनावश्यक मोबाइल न दें और ऑनलाइन गेम से सावधान रहें।
खतरनाक गेमिंग एप्स पर सख्त नकेल जरूरी
सरकार ने वर्ष 2022 में सुरक्षा कारणों से फ्री फायर गेम पर प्रतिबंध लगाया था, फिर भी यह बच्चों की पहुंच में है। यश की मौत ने इस गंभीर खामी को उजागर कर दिया है। यह मामला सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज और सिस्टम के लिए चेतावनी है कि साइबर अपराधियों और खतरनाक गेमिंग एप्स पर सख्त नकेल जरूरी है।
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