Advertisment

UP News : वीआईपी नंबर की चाह बनी मुसीबत, न मिला नंबर न वापस आई रकम,यूपी में फंसा 9 करोड़ का रिफंड

यूपी में वीआईपी नंबर पाने की चाहत में 3200 से ज्यादा वाहन मालिकों के 9 करोड़ रुपये का रिफंड फंस गया है। ज्यादातर लोगों ने दलालों या साइबर कैफे के जरिए फीस जमा कराई थी, जिससे पैसा उनके खातों में अटक गया है। अब आवेदक आरटीओ दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

author-image
Shishir Patel
UP Transport

फाइल फाेटो।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। वाहनों पर वीआईपी नंबर (0001, 0007, 0786 जैसे आकर्षक अंकों वाले नंबर) लेने का शौक रखने वाले अब सिर पकड़कर बैठ गए हैं। नंबर तो मिला नहीं, लेकिन फीस के रूप में जमा किए गए करीब 9 करोड़ रुपये का रिफंड 3200 से अधिक आवेदकों को अभी तक नहीं मिल पाया है। सिर्फ राजधानी लखनऊ में ही ऐसे 400 से ज्यादा लोग हैं जो अपने पैसे अटकने से परेशान हैं।

तकनीकी पेच में फंसा पैसा

परिवहन विभाग की ऑनलाइन नीलामी प्रणाली के तहत आवेदकों को फीस सीधे अपने बैंक खाते से जमा करनी होती है। लेकिन ज्यादातर वाहन मालिकों ने सुविधा के लिए साइबर कैफे या दलालों को कैश देकर उनके खातों से फीस जमा करवाई। अब समस्या यह है कि जब नीलामी में नंबर आवंटित नहीं हुआ तो रिफंड नियमतः उन्हीं खातों में चला गया, जिनसे भुगतान हुआ था। ऐसे में वाहन मालिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि पैसा उनके बजाय दलालों या साइबर कैफे संचालकों के खाते में जा रहा है।

शिकायत करने वालों की आरटीओ दफ्तरों में हर दिन लग रही भीड़ 

आरटीओ दफ्तरों पर रोजाना ऐसे आवेदकों की भीड़ लग रही है। कई लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें अब तक यह भी नहीं पता कि उनका पैसा वापस आया या नहीं। वहीं, साइबर कैफे संचालक रिफंड मिलने से साफ इंकार कर रहे हैं। सरोजनीनगर निवासी मोहम्मद आमिर ने बताया कि उन्होंने कैश भुगतान किया था, लेकिन अब साइबर कैफे वाला कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।लोगों का कहना है कि यदि रिफंड प्रक्रिया पारदर्शी होती और केवल आवेदक के खाते से भुगतान अनिवार्य किया जाता, तो ऐसी स्थिति ही नहीं आती। अब हजारों वाहन स्वामी अपने ही पैसों के लिए धक्के खा रहे हैं।

फीस और नियम

दोपहिया वाहनों के वीआईपी नंबर के लिए 8000 रुपये

चारपहिया वाहनों के लिए 33,000 रुपये फीस तय है।

नंबर न मिलने पर यह रकम वापस कर दी जाती है, जबकि नीलामी जीतने वाले को अतिरिक्त बोली राशि भी चुकानी होती है।

Advertisment

नंबर आवंटन के बाद एक माह के भीतर वाहन खरीदना अनिवार्य है, अन्यथा नंबर स्वतः निरस्त हो जाता है।

यह भी पढ़ें: Crime News: प्रेम प्रसंग और पैसों को लेकर हुई रिकवरी एजेंट की हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

Advertisment

यह भी पढ़ें: Crime News : समाजवादी पार्टी ऑफिस के बाहर युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास, गंभीर हालत में भर्ती

यह भी पढ़ें: नेपाल में बगावत के बीच यूपी अलर्ट, सीमाओं पर कड़ी चौकसी और कंट्रोल रूम सक्रिय

Lucknow news
Advertisment
Advertisment