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राष्ट्रीय पुस्तक मेला : लखनऊ में चार से सजेगा किताबों का संसार, साहित्य के महाकुंभ में डुबकी लगायेंगे पुस्तक प्रेमी

मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा कि यह केवल पुस्तक मेला नहीं, यह ज्ञान और संस्कृति का उत्सव है। हम हर प्रकार के पाठकों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए विविध प्रकाशनों को एकत्र कर रहे हैं।

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Deepak Yadav
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बलरामपुर गार्डन में चार सितंबर से लगने जा रहे पुस्तक मेले को लेकर प्रेसवार्ता Photograph: (YBN)

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  • बलरामपुर गार्डन में राज्यपाल करेंगी पुस्तक मेले का उ‌द्घाटन 
  • 11 दिन चलेगा साहित्यिक सांस्कृतिक आयोजनों और प्रतियोगिताओं का दौर
  • राष्ट्रीय पुस्तक मेला विजन 2047 को होगा समर्पित

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला चार सितंबर से शुरू होगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 11 दिवसीय पुस्तक मेले का उद्घाटन करेंगी। इस बार पुस्तक मेला 'विजन 2047: विकसित भारत, विकसित प्रदेश' थीम को समर्पित होगा।

राष्ट्रीय पुस्तक मेला विजन 2047 को होगा समर्पित

पुस्तक मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने मंगलवार को बताया कि विजन 2047 की थीम युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक आह्वान है। लगभग 75 हजार वर्ग फीट में फैले पुस्तक मेले का आयोजन 50 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशकों के 120 से अधिक स्टॉलों के साथ एक विशाल विक्रय प्रदर्शनी के रूप में आकार लेगा। 

मेले में हजारों पुस्तकों की विविध श्रृंखला

मेले में हजारों पुस्तकों की विविध श्रृंखला में हिंदी, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य, शैक्षणिक पुस्तकें, बाल साहित्य पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध रहेगा। इस साल के पुस्तक मेले की खास झलक है Book2Screen Club, एक अनोखी पहल जो लेखकों, उनकी कल्पनाओं और उनकी किताबों से बनी क्लासिक फिल्मों को celebrate करती है।

पुस्तक प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र

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निशुल्क प्रवेश के साथ, यह मेला हर वर्ष पुस्तक प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। जो साहित्य की दुनिया में खो जाने के लिए हर साल लौटते हैं। यह पुस्तक मेला सभी आयु वर्ग के लिए साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र होगा।

पुस्तक मेला ज्ञान और संस्कृति का उत्सव

मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा कि यह केवल पुस्तक मेला नहीं, यह ज्ञान और संस्कृति का उत्सव है। हम हर प्रकार के पाठकों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए विविध प्रकाशनों को एकत्र कर रहे हैं। उन्होंने सभी से इस समृद्ध अनुभव का हिस्सा बनने का अनुरोध करते हुए मेले के लेखक सत्र और पैनल चर्चा में प्रख्यात और नवोदित लेखकों के साथ विचार-विमर्श होगा। 

बाल पाठकों के लिये कहानी सत्र और प्रतियोगिताएं 

साहित्यिक कार्यक्रमों में पारंपरिक कवि सम्मेलन, मुशायरा और पुस्तकों के विमोचन के साथ बच्चों का कोना बाल पाठकों के लिये कहानी सत्र और प्रतियोगिताएं होंगी। रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी इस मेले में खरीदी गई हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एक विशेष कोना युवाओं के लिए भी होगा।

पुस्तक मेला सबसे प्रतीक्षित साहित्यिक आयोजनों में एक

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इस अवसर पर उपस्थित टीपी हवेलिया ने पिछले मेलों की उपलब्धियां गिनायीं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला एक वार्षिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य पठन संस्कृति को बढ़ावा देना और प्रकाशकों व लेखकों को अपने कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। वर्षों से यह उत्तर भारत के सबसे प्रतीक्षित साहित्यिक आयोजनों में से एक है।

पुस्तक मेले के सहयोगी संस्थान यूपी मेट्रो, रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हँड्स फाउंडेशन, लोक आंगन और विश्वम् फाउंडेशन हैं।

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