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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: यूपी सरकार  OBC आरक्षण के लिए बनाएगी आयोग, कैबिनेट में जाएगा प्रस्ताव

आयोग का दायित्व पंचायत स्तर पर पिछड़े वर्ग की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का आकलन करना होगा। यह आयोग जनसंख्या आंकड़ों, सरकारी रिकॉर्ड, सर्वे और रिपोर्टों के विश्लेषण के आधार पर पिछड़ा वर्ग की स्थिति को रेखांकित करेगा।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। OBC आरक्षण को लेकर सरकार अब एक समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने जा रही है। आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसे जल्द ही राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। राज्य सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था को पारदर्शी और संवैधानिक बनाने की दिशा में उठाया गया है।

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 पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि आयोग पंचायत निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति, प्रभाव और जनसंख्या का अनुभवजन्य अध्ययन करेगा। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में यह पहला मौका होगा जब पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया के लिए आयोग गठित किया जा रहा है। यहां बता दें कि राज्य में 512 ग्राम पंचायतों को समाप्त किया गया है, जबकि 11 नई पंचायतें बनाई गई हैं। अब प्रदेश में कुल 57,694 ग्राम पंचायतें रह गई हैं। वर्ष 2021 में यह संख्या 58,195 थी।

पांच सदस्यीय आयोग, छह महीने का कार्यकाल

आयोग में पांच सदस्य नियुक्त किए जाएंगे, जिनमें एक महिला सदस्य अनिवार्य होगी। सदस्यों का चयन ऐसे व्यक्तियों में से किया जाएगा, जिन्हें पिछड़ा वर्ग से जुड़े मामलों का गहरा अनुभव हो। आयोग का एक सदस्य अध्यक्ष नामित किया जाएगा, जिसे राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होगा। आयोग का कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से छह माह तक रहेगा।

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तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगा आयोग

आयोग का दायित्व पंचायत स्तर पर पिछड़े वर्ग की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का आकलन करना होगा। यह आयोग जनसंख्या आंकड़ों, सरकारी रिकॉर्ड, सर्वे और रिपोर्टों के विश्लेषण के आधार पर पिछड़ा वर्ग की स्थिति को रेखांकित करेगा और पंचायतवार आरक्षण के बारे में संस्तुति देगा। आयोग को तीन माह के भीतर अथवा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अवधि में अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

आयोग को मिलेगा विशेषज्ञों का सहयोग

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समर्पित आयोग को आवश्यकता पड़ने पर सरकारी संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों और विशेषज्ञों की सहायता लेने की अनुमति होगी। साथ ही, आयोग राज्य व अन्य राज्यों के दौरे भी कर सकता है, ताकि वह निष्पक्ष और सटीक अनुशंसा तैयार कर सके

वार्ड निर्धारण भी अंतिम चरण में

पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को भी अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह के अनुसार यह कार्य 10 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।

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1000 की जनसंख्या- 9 वार्ड
 2000 की जनसंख्या- 11 वार्ड
 3000 की जनसंख्या -13 वार्ड
 अधिकतम -15 वार्ड

 पिछले चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर हुआ था विवाद

पिछले चुनावों में OBC आरक्षण को लेकर विवाद और न्यायिक दखल के कारण सरकार अब पहले से ही पुख्ता तैयारी कर रही है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण तय किया जाएगा ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए।

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