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अवैध अंतरराष्ट्रीय बस संचालन करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार, भारत-नेपाल रूट पर कूटरचित परमिट से चलती थीं बसें

एसटीएफ यूपी ने भारत-नेपाल सीमा पर फर्जी परमिटों के जरिए अवैध अंतरराष्ट्रीय बस संचालन करने वाले गिरोह के दो सदस्यों राम प्रसाद और बाले थापा को किसान पथ लखनऊ से गिरफ्तार किया। टीम ने 11 कूटरचित यात्रा परमिट, लैपटॉप, तीन मोबाइल व बस बरामद की।

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Shishir Patel
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बस के साथ दो गिरफ्तार।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने भारत-नेपाल सीमा पर फर्जी (कूटरचित) विशेष परमिटों के जरिए अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय बस संचालन करने वाले गैंग के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। टीम ने किसान पथ लखनऊ से बस समेत दोनों आरोपियों को पकड़ा।गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान राम प्रसाद पुत्र शेषकांत लम्सल, निवासी आरजेड-49 सी, सेकेंड फ्लोर फ्लैट नंबर-2, गली नंबर-8, जनकपुरी थाना सागरपुर, नई दिल्ली तथा बाले थापा उर्फ बालकिशन पुत्र जीत बहादुर थापा, निवासी पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, कोहिमा (नागालैंड) के रूप में हुई है।एसटीएफ ने इनके कब्जे से 11 कूटरचित भारत-नेपाल यात्रा परमिट, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड व बस संख्या यूपी81 सीटी 4920 (टाटा मोटर्स) बरामद की है।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

अवैध बस संचालन के संबंध में परिवहन आयुक्त यूपी की संस्तुति पर सहायक सम्भागीय अधिकारी अलीगढ़ ने थाना बन्नादेवी में मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के लिए एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में टीम गठित की गई।सूचना संकलन के दौरान पता चला कि बस संख्या यूपी81 सीटी 4920 के माध्यम से फर्जी परमिट बनाकर नेपाल तक यात्रियों को लाया-ले जाया जा रहा है। इस पर निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय के नेतृत्व में टीम ने नई दिल्ली से आरोपी राम प्रसाद को गिरफ्तार किया और उसके पास से सात फर्जी परमिट, लैपटॉप व मोबाइल बरामद किए।राम प्रसाद की निशानदेही पर किसान पथ लखनऊ के पास नेपाल की ओर जा रही बस को रोका गया, जहां ड्राइवर बाले थापा को पकड़ा गया।

इस तरह बनाते थे फर्जी परमिट

पूछताछ में राम प्रसाद ने खुलासा किया कि वह चाचा-चाची ट्रैवेल्स के नाम से ट्रैवेल एजेंसी चलाता है। फरवरी 2024 में उसने कन्नू ट्रैवेल्स से सेकंड हैंड बस खरीदी थी, जिसका संचालन वह खुद करता था।उसने बताया कि नेपाल रूट के परमिट एम्बेसी या कॉन्सुलेट से जारी कराने में लंबी प्रक्रिया होती है, इसलिए वे लोग आरटीओ के परमिट में फेरबदल कर पीडीएफ फर्जी परमिट तैयार करते थे। इसमें उसका बेटा मिलन शर्मा उर्फ सरोज और ड्राइवर बाले थापा भी शामिल थे।अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

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