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Crime News:एसटीएफ ने किया बड़ा खुलासा, 1 करोड़ के अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार, बिहार से चल रहा था नेटवर्क

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने लखनऊ के उजरियांव में छापा मारकर अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया। मौके से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के इंजेक्शन और निर्माण सामग्री बरामद हुई।

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Shishir Patel
UP STF

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने दो सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन और निर्माण सामग्री बरामद की है। यह कार्रवाई गोमतीनगर के उजरियांव गांव में की गई, जहां गिरोह ने अपना ठिकाना बना रखा था। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम कयूम अली, निवासी त्रिवेणीनगर, थाना अलीगंज, लखनऊ (मूल निवासी जनपद बागपत), मो. इब्राहिम, निवासी कदम रूरल वार्ड, थाना मदेयगंज, लखनऊ है। इनके कब्जे से 1018 शीशी (180 एमएल) ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, 70 लीटर ऑक्सीटोसिन (14 गैलन), 55 लीटर फिनायल और 27 लीटर विनेगर, 16,500 खाली शीशियां, 9 कैप सीलर, 3000-3000 एल्यूमिनियम कैप और पैक, 2500 रबर कैप, 19 किलो नमक, 1 फोनपे स्कैनर, 3 मोबाइल फोन और 790 नकद बरामद किया है। 

गाजियाबाद से ऑक्सीटोसिन पाउडर और पैकिंग का सामान मंगाता था

इन सामग्रियों से यह स्पष्ट हुआ कि गिरोह लखनऊ में ही अवैध तरीके से इंजेक्शन तैयार कर आसपास के जिलों में सप्लाई करता था।एसटीएफ को पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि बिहार से अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में की जा रही है।इस सूचना पर एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के निर्देशन में उपनिरीक्षक हरीश सिंह चौहान की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। टीम ने औषधि विभाग और स्थानीय पुलिस की मदद से उजरियांव गांव में छापा मारा और मौके से दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उनका गिरोह बिहार और गाजियाबाद से ऑक्सीटोसिन पाउडर और पैकिंग का सामान मंगाता था।

गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जुटाई जा रही जानकारी 

इसके बाद वे अपने ठिकाने पर इन्हें मिलाकर अवैध रूप से इंजेक्शन तैयार करते और उन्हें अलग-अलग साइज की शीशियों में भरकर पैकिंग करते थे। तैयार इंजेक्शन को वे लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर और आसपास के जिलों में बेचते थे। गिरोह के अन्य सदस्यों और बिहार में सप्लाई करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है।ऑक्सीटोसिन एक संवेदनशील औषधि है जिसका इस्तेमाल डॉक्टरों की देखरेख में ही किया जा सकता है। भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन संख्या 242(ई), दिनांक 3 अप्रैल 2001 के तहत ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री को केवल सिंगल यूनिट ब्लिस्टर पैक में ही अनुमति दी गई है।

एसटीएफ ने बरामद इंजेक्शनों के नमूने परीक्षण को प्रयोगशाला भेजा

अवैध रूप से इसका प्रयोग जानवरों और मनुष्यों दोनों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। इसकी मिलावट से कई स्वास्थ्य समस्याएं और बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। एसटीएफ ने बरामद इंजेक्शनों के नमूने परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेज दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनमें मिलावट या रासायनिक गड़बड़ी कितनी है गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना गोमतीनगर, कमिश्नरेट लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। स्थानीय पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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