Advertisment

UP News : वर्दी अस्थायी है, कर्तव्य हमेशा के लिए है", सेवानिवृत्त डीजीपी प्रशांत कुमार का भावुक विदाई संदेश

पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने सेवानिवृत्ति पर एक भावुक संदेश जारी किया। उन्होंने पुलिस बल में अपनी सेवा को "कर्तव्य और आह्वान" बताया और साथियों को धन्यवाद दिया। प्रशांत कुमार ने कहा कि वर्दी भले ही अस्थायी हो, लेकिन कर्तव्य आजीवन रहता है।

author-image
Shishir Patel
photo

सेवानिवृत्त डीजीपी प्रशांत कुमार का संदेश । Photograph: (वाईबीएन)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने सेवानिवृत्त होते समय एक भावुक और प्रेरणादायक संदेश के माध्यम से अपने सहकर्मियों, मित्रों और समस्त खाकी परिवार को संबोधित किया। उनके शब्दों में कर्तव्य, समर्पण और सेवा की भावना स्पष्ट झलकती है।

Advertisment

प्रशांत कुमार ने अपने विदाई संदेश की शुरुआत गहरी भावनाओं से की

प्रशांत कुमार ने अपने विदाई संदेश की शुरुआत गहरी भावनाओं से की। उन्होंने लिखा, "कल जब मैंने अपने जूते उतारे, तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भर गया। यह केवल विदाई नहीं है, यह रुकने, चिंतन करने और इस असाधारण यात्रा के हर कदम पर मेरे साथ खड़े रहे आप सभी को धन्यवाद कहने का अवसर है।वर्दी में अपने पहले दिन से लेकर अंतिम पलों तक की यात्रा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक नौकरी नहीं थी, बल्कि एक "आह्वान" था – जनता की सेवा करने और न्याय की रक्षा करने का संकल्प।उन्होंने उन तमाम पुलिसकर्मियों को नमन किया जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे। "वह कांस्टेबल जो बारिश में ट्रैफिक संभाल रहा था, वह अधिकारी जिसने रातों की नींद हराम कर केस सुलझाया, या वह टीम जिसने नई पहल की – आप ही इस बल की असली आत्मा हैं," उन्होंने कहा।

खाकी वर्दी में नागरिक का विश्वास – यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रही

Advertisment

सेवानिवृत्त डीजीपी ने उत्तर प्रदेश पुलिस बल को एक "भव्य टेपेस्ट्री" की संज्ञा दी, और खुद को उसमे एक छोटा-सा धागा मानते हुए गौरवान्वित महसूस किया। उन्होंने साझा किया कि बल के साथ बिताए वर्षों में उन्होंने त्रासदियों का सामना किया, विजय देखी, और पुलिसिंग के क्षेत्र में बदलाव की अगुवाई की – चाहे वह साइबर अपराध से निपटना हो, आधुनिक तकनीक को अपनाना हो या फिर जनता का खोया विश्वास पुनः अर्जित करना।खाकी वर्दी में नागरिक का विश्वास – यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है, और यही पदक मैं अपनी सेवानिवृत्ति के साथ लेकर जा रहा हूँ।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेवा से विदाई एक पड़ाव है, अंत नहीं। “हो सकता है कि अब मैं अपने कंधों पर सितारे न पहनूँ, लेकिन अपने दिल में हमेशा बल की भावना को लेकर चलूँगा।"

हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए: 'वर्दी अस्थायी है: प्रशांत कुमार

अपने संदेश के अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों और जवानों को प्रेरित करते हुए कहा –"हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए: 'वर्दी अस्थायी है। कर्तव्य हमेशा के लिए है।' आप साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करते रहें। मेरी प्रार्थनाएँ, सम्मान और अटूट समर्थन सदा आपके साथ रहेगा।"पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार का यह भावुक संदेश न केवल एक अधिकारी की सेवानिवृत्ति की सूचना है, बल्कि समर्पण, नेतृत्व और सेवा के मूल्यों की जीती-जागती मिसाल भी है।

Advertisment

यह भी पढ़े : Chief Minister Yogi से नवनियुक्त कार्यवाहक DGP राजीव कृष्ण ने की शिष्टाचार भेंट

यह भी पढ़े : UP News: दस्यु दमन, ATS गठन और पारदर्शी पुलिस भर्ती जैसे अहम अभियानों के नायक रहे नए डीजीपी राजीव कृष्ण

यह भी पढ़ें : UP Police के कार्यवाहक DGP बने वरिष्ठ IPS राजीव कृष्ण, ग्रहण किया कार्यभार

Advertisment

यह भी पढ़ें : Good News: 228 हेड कांस्टेबल हुए प्रमोट, अब कहलाएंगे दारोगा जी !

 

Police Hindi news Crime Lucknow
Advertisment
Advertisment