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यूपी एग्रीज योजना : झांसी को मूंगफली के क्लस्टर के रूप में विकसित कर रही योगी सरकार

किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत मूंगफली की खरीद करवा रही है। चालू सत्र में एमएसपी 6,783 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।

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Abhishek Mishra
Yogi government developing Jhansi as a peanut cluster

झांसी बन रहा उत्पादन का केंद्र

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पोषक तत्वों से भरपूर मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है। इसका उपयोग रोजमर्रा की खुराक के साथ-साथ व्रत-उपवास में भी होता है। उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी इसे विशाल बाजार में तब्दील करती है, और अब योगी सरकार इसे निर्यात योग्य फसल के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।

दशक भर में डेढ़ गुना बढ़ा मूंगफली का रकबा

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013 से 2016 के बीच उत्तर प्रदेश का देश की कुल मूंगफली फसल में योगदान केवल 2% था। उस समय यूपी में मूंगफली का उत्पादन मात्र 1 मिलियन टन था। बीते दशक में राज्य सरकार की योजनाओं और तकनीकी सहायता से यह आंकड़ा करीब ढाई गुना बढ़ चुका है। अब प्रदेश का योगदान देश के कुल मूंगफली उत्पादन में 4.7% तक पहुंच गया है।

बुंदेलखंड में हो रहा विस्तार

मूंगफली उत्पादन में सबसे अधिक उछाल बुंदेलखंड और उसके आस-पास के जिलों में देखा गया है। झांसी को एक प्रमुख क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। विश्व बैंक की सहायता से चल रही "यूपी एग्रीज" परियोजना के अंतर्गत बुंदेलखंड के सात जिले — झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट शामिल हैं। इससे मूंगफली के निर्यात को नया आयाम मिलेगा और किसानों को अच्छे दाम मिलने की संभावना बढ़ेगी। भारत में मूंगफली का सबसे अधिक उत्पादन गुजरात में होता है, जिसकी हिस्सेदारी 47% है। इसके बाद राजस्थान (16%) और तमिलनाडु (10%) आते हैं।

यूपी के प्रमुख मूंगफली उत्पादक जिले

प्रदेश के अंदर मूंगफली की खेती मुख्यतः बुंदेलखंड और आसपास के जिलों में की जाती है। झांसी के अलावा बांदा, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, मैनपुरी, हरदोई, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, अलीगढ़, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, बदायूं, एटा, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर और श्रावस्ती जैसे जिले प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भी दिखी बढ़त

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एक समय था जब यूपी का औसत मूंगफली उत्पादन प्रति हेक्टेयर मात्र 809 किलोग्राम था, जबकि राष्ट्रीय औसत 1542 किलोग्राम और तमिलनाडु का औसत 2679 किलोग्राम था। लेकिन अब, सरकार की फसल सुरक्षा योजनाओं, आधुनिक बीजों और किसानों को दी जा रही तकनीकी मदद से उत्तर प्रदेश का औसत उत्पादन राष्ट्रीय औसत 1688 किग्रा/हेक्टेयर से भी आगे निकल गया है।

किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए MSP पर खरीद

किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत मूंगफली की खरीद करवा रही है। चालू सत्र में एमएसपी 6,783 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। नैफेड मैनपुरी, हरदोई, इटावा में और एनसीसीएफ फर्रुखाबाद, कन्नौज, अलीगढ़, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, एटा, बदायूं, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर और श्रावस्ती में किसानों से सीधे मूंगफली खरीद रही है।

सेहत के लिए भी लाभकारी

मूंगफली में प्रति 100 ग्राम में लगभग 567 कैलोरी, 25 ग्राम उच्च गुणवत्ता प्रोटीन, 49 ग्राम असंतृप्त वसा, 7-8 ग्राम संतृप्त वसा, 16-18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 8-9 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसमें विटामिन ई, बी3 (नियासिन), बी9 (फोलेट) के साथ-साथ मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस और जिंक जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं।

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