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हंगामे की भेंट चढ़ा मानसून सत्र का पहला दिन Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश विधानमंडल मानसून सत्र का पहले दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सपा सदस्यों के बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इससे सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि समाजवादी पार्टी नहीं चाहती कि सदन चले। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया।
अनुपयोगी मुद्दों पर अड़ा विपक्ष
सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलना प्रदेश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री और पूरा सत्ता पक्ष, विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद रहा।। लेकिन विपक्ष के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। विपक्ष की इस प्रकार की कार्य संस्कृति जनहित एवं प्रदेश के विकास के लिए बाधक है। बेवजह एवं अनुपयोगी मुद्दों को सदन में उठाकर सदन को न चलने देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।
विपक्ष हंगामे से नहीं आया बाज
खन्ना ने कहा कि सदन के इतिहास में यह पहला मौका था कि विपक्ष द्वारा शोक प्रस्ताव के समय परंपरा का भी पालन न करते हुए बहुत ही अशोभनीय कार्य किया गया और अव्यवस्था फैलाई गई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के उठाए गए सवालों का मुख्यमंत्री ने जवाब दिया गया, फिर भी विपक्ष हंगामे से बाज नहीं आया।
चार विधेयक पेश किये
मानसून सत्र के पहले दिन चार विधेयक पेश किये गये। विधानसभा में उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 और उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025 को संबंधित मंत्रियों ने पेश किया।
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