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उत्तर प्रदेश को उद्योगिक पावरहाउस बनाने की तैयारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश को उद्योगों के पावरहाउस के तौर पर प्रोजेक्ट करने के लिए यूपी-आईएमएलसी तथा यूपी-डीआईसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा जो खाका तैयार किया गया है वह प्रदेश के औद्यौगिक परिवेश को गति देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
27 इंडस्ट्रियल नोड्स की होगी स्थापना
यूपीडा ने उत्तर प्रदेश इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक्स क्लस्टर की स्थापना को लेकर जो कार्ययोजना तैयार की गई है उसके अनुसार प्रदेश में 5 एक्सप्रेसवे के किनारे 27 क्लस्टर्स के रूप में कुल 13,240 एकड़ में इंडस्ट्रियल नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से 9,864 एकड़ क्षेत्र को पहले ही प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 3376 एकड़ क्षेत्र की अधिग्रहण की कार्रवाई को भी जल्द पूरा किया जाएगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सबसे बड़ा नोड
इन सभी नोड्स में क्षेत्रफल के लिहाज से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे वाला नोड सबसे बड़ा है, गंगा एक्सप्रेसवे वाला नोड सबसे ज्यादा जिलों में विस्तृत है जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे नोड सबसे छोटा है (क्षेत्रफल और जिलों के आधार पर)। वहीं, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर 6 जिलों में 5,184 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 167 एकड़ का अधिग्रहण बाकी है।
औद्योगिक विकास की नई दिशा
यूपीडा द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के समीप 6 जिलों में कुल 4723 एकड़ क्षेत्र में आईएमएलसी की स्थापना होगी जिसमें से प्राधिकरण द्वारा 3,873 एकड़ क्षेत्र अधिग्रहित कर लिया गया है। यहां जालौन में स्थापित होने वाला आईएमएलसी क्लस्टर क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा होगा जो कि 1677 एकड़ में फैला होगा। इसी प्रकार, बांदा नोड 1426, चित्रकूट नोड 765, औरैया नोड 324, महोबा नोड 272 तथा हमीरपुर नोड 259 एकड़ में विस्तारित होगा।
सबसे छोटा औद्योगिक नोड क्लस्टर
कार्ययोजना के अनुसार, सबसे ज्यादा जिलों में प्रसार के लिहाज से गंगा एक्सप्रेसवे के समीप बनने वाले आईएमएलसी नोड्स होंगे। योजना के अनुसार, 11 जिलों में कुल मिलाकर 3707 एकड़ में नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से 2673 एकड़ क्षेत्र को प्राधिकरण द्वारा अधिकृत कर लिया गया है। इस क्लस्टर के अंतर्गत संभल में 591, मेरठ में 529, उन्नाव में 333, हरदोई में 335, बदायूं में 269, शाहजहांपुर में 252, अमरोहा में 348, प्रतापगढ़ में 263, रायबरेली में 232, हापुड़ में 304 तथा प्रयागराज में 251 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी। गोरखरपुर लिंक एक्सप्रेसवे के अंतर्गत मात्र 2 जिलों में 514 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से गोरखपुर में 361 तथा अंबेडकरनगर में 153 एकड़ क्षेत्र में नोड्स का निर्माण होगा। अंबेडकरनगर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतर्गत भी 609 एकड़ क्षेत्र में नोड का निर्माण होगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास पांच जिलों में होंगे नोड्स
प्रक्रिया के अंतर्गत पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप 5 क्लस्टर नोड्स का निर्माण होगा जिसका कुल क्षेत्रफल 3383 एकड़ होगा। इसके अंतर्गत बाराबंकी में 811, अमेठी में 570, सुल्तानपुर में 1026, अंबेडकरनगर में 609 तथा गाजीपुर में 367 एकड़ क्षेत्र में नोड्स का निर्माण होगा। यहां कुल 2230 एकड़ क्षेत्र अर्जित किया जा चुका है। इसी प्रकार, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर किल 913 एकड़ क्षेत्र में तीन नोड्स की स्थापना होगी। इसमें फिरोजाबाद में 344, इटावा में 217 तथा कन्नौज में 352 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी। आईएमएलसी के अंतर्गत निवेशकों को आकर्षक भू-दरें, लॉजिस्टिक्स की विशेष सुविधाएं, सुगम कनेक्टिविटी, सुविधाजनक सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी, समर्पित बुनियादी सुविधाएं, पारदर्शी भू-आवंटन प्रक्रिया तथा अनुकूल औद्योगिक वातावरण व श्रम श्रक्ति उपलब्धता जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
छह जिलों में 5184 एकड़ में विस्तार
यूपीडा की कार्ययोजना के अनुसार, यूपीडीआईसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 6 जिलों में 5,184 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 167 एकड़ का अधिग्रहण बाकी है। जिन जिलों में डिफेंस नोड के अंतर्गत कार्य हो रहा है उनमें चित्रकूट, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ व आगरा मुख्य हैं। यहां पहले ही ब्रह्मोस, भारत डायनामिक्स, अडानी डिफेंस व एयरोस्पेस, आधुनिक मटीरियल साइंस प्राइवेट लिमिटेड, डीप एक्सप्लो, एरोलॉय टेक्नोलॉजी व टाटा टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां कार्यरत हैं।
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