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यूपी सरकार को मिले इनपुट, जातीय संघर्ष में हो सकता है खून-खराबा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल जातीय हिंसा के प्रयासों पर सख्त रुख दिखाया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि आस्था के आयोजनों की आड़ में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार को जातीय संघर्ष की साजिश में खून-खराबा होने के इनपुट मिले हैं। इसके बाद सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की, जिसके माध्यम से राज्यभर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद किया।

बैठक में उन्होंने इटावा, कौशांबी और औरैया में सामने आई जातीय तनाव वाली घटनाओं को गंभीर साजिश करार देते हुए कहा कि प्रदेश में जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिशें प्रदेश हित के विरुद्ध हैं। ऐसे प्रयासों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

इटावा एसएसपी ब्रजेश मुख्यमंत्री डांटा

इटावा में कथावाचक मुकुट मणि यादव के साथ मारपीट, उनकी चोटी काटने और दो आधार कार्ड मिलने की घटना पर CM ने एसएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव को फटकार लगाई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक का समय श्रावण मास, कांवड़ यात्रा, नागपंचमी, रक्षाबंधन, मोहर्रम और रथ यात्रा जैसे आयोजन होंगे, जो  बेहद संवेदनशील रहेंगे।

इन जिलों को मिले विशेष निर्देश

गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, बाराबंकी और बस्ती में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।

कांवड़ मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री प्रतिबंधित रहे।

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धार्मिक आयोजनों में हथियारों का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग पूर्णतः वर्जित रहे।


धार्मिक यात्राओं में भेष बदल कर शामिल हो सकते हैं अराजकतत्व

CM ने कहा कि अराजक तत्व भेष बदलकर धार्मिक यात्राओं में शामिल हो सकते हैं, इसलिए प्रत्येक जिलाधिकारी व एसपी सतर्क रहें। उन्होंने निर्देश दिए कि आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन से निगरानी की जाए। इंटरनेट मीडिया (सोशल मीडिया) पर निगरानी रखी जाए। अफवाहों का तत्काल खंडन और काउंटर मैसेजिंग की जाए। खाद की ओवरप्राइसिंग पर जिलाधिकारियों को औचक निरीक्षण करें। प्रतिबंधित पॉलिथीन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

मोहर्रम के लिए स्पष्ट प्लानिंग

मोहर्रम आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली घटनाओं से सबक लें, शांति समितियों से संवाद करें और परंपरागत मार्गों पर ही आयोजन कराएं।

योगी सरकार का कड़ा संदेश

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इस बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल जातीय हिंसा के प्रयासों पर सख्त रुख दिखाया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि आस्था के आयोजनों की आड़ में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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