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Crime News:आजमगढ़ मदरसा शिक्षक वेतन घोटाले में यूपी सरकार की सख्त कार्रवाई, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के जेडी समेत चार अधिकारी निलंबित

आजमगढ़ के मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान के अवैध विदेश नागरिकता छुपाकर वर्षों तक वेतन लेने और सेवा लाभ प्राप्त करने के मामले में यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। शमशुल ने विदेशी नागरिकता लेने के बाद भी 2017 तक वेतन, जीपीएफ और अन्य लाभ लिए थे।

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Shishir Patel
Azamgarh Madrasa Scam

मदरसा शिक्षक वेतन घोटाले में यूपी सरकार की सख्त कार्रवाई

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली से जुड़े एक गंभीर प्रकरण पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आजमगढ़ के एक मदरसे में कार्यरत रहे शिक्षक शमशुल हुदा खान के मामले में शासन ने अनियमित भुगतान, फर्जी सेवा लाभ और विदेश यात्रा से जुड़े गंभीर अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए उच्च स्तर पर जांच कराई थी। जांच में लापरवाही और मिलीभगत सामने आने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कड़े अनुशासनात्मक कदम उठाए हैं।

शमशुल ने वर्ष 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता ग्रहण कर ली थी

प्रकरण के अनुसार, मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम (आज़मगढ़) में तैनात शमशुल हुदा खान ने वर्ष 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रबंधक, प्रधानाचार्य और संबंधित विभागीय अधिकारियों की उदासीनता या संलिप्तता के चलते वह 2017 तक शिक्षक के रूप में वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करता रहा। इस अवधि में उसने न केवल नियमित वेतन लिया, बल्कि अनियमित चिकित्सा अवकाश, जीपीएफ, वीआरएस और पेंशन संबंधी लाभ भी हासिल कर लिए।जांच में यह भी सामने आया कि सेवा अवधि के दौरान शमशुल हुदा ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और श्रीलंका की यात्राएं कीं, साथ ही खाड़ी देशों से होते हुए 2–3 बार पाकिस्तान भी गया। इन गतिविधियों और उसकी विदेशी नागरिकता का विवरण न तो समय पर विभाग को बताया गया और न ही संबंधित अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि की गई।

इन अधिकारियों को किया गया निलंबित 

जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय, तथा तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह, लालमन और प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया है। इनमें से तीनों अधिकारी वर्तमान में गाज़ियाबाद, बरेली और अमेठी जिले में डीएमओ के पद पर तैनात थे। निलंबन अवधि में शेषनाथ पांडेय को झांसी मंडल आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया गया है, जबकि अन्य तीन अधिकारियों को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय, लखनऊ से अटैच किया गया है।सरकार ने पहले ही शमशुल हुदा पर 16.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे। शासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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