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संबोधन देते सीएम योगी। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत की ऋषि परंपरा की मान्यता रही है कि मन, व्यक्ति के बंधन व मोक्ष का कारण है। सद्गुरु रविदास जी ने भी कहा है कि 'मन चंगा तो कठौती मे गंगा' यानी मन की बहुर्मुखी वृत्ति को जो व्यक्ति अंतर्मुखी कर लेगा, वह न केवल आत्मिक संतुष्टि का लाभ प्राप्त कर सकता है, बल्कि विश्व कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज जो आतंकवाद, उपद्रव व अराजकता है, इसके पीछे मन की चंचल वृत्तियां हैं। जहां भी अराजकता देखने को मिलती है, उसके पीछे वह बहुर्मुखी वृत्तियां हैं, जो उसे नकारात्मकता की तरफ लेकर जाती हैं। जीवन का एक पक्ष सकारात्मकता की तरफ ले जाकर अच्छे कार्य की प्रेरणा देता है तो दूसरा पक्ष नकारात्मकता की तरफ लेकर जाता है। भारतीय परंपरा ने राक्षसी वृत्ति को आतंकवाद के रूप में माना है और भौतिक-आध्यात्मिक रूप से उसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में ब्रह्माकुमारीज लखनऊ में विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान (योग) के राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह में ये बातें रखीं।
मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के कर-कमलों से आज लखनऊ में ब्रह्माकुमारीज के वार्षिक थीम 2025-26 'विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान (योग)' का उद्घाटन हुआ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2025
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की मा. राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम में सहभाग… pic.twitter.com/tw8uQ6PReT
पूरा भारत प्रधानमंत्री मोदी के प्रति हृदय से आभारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व संभालने के बाद भारत की योग की विधा को यूएनओ से मान्यता दिलाकर 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाई थी। पूरा भारत प्रधानमंत्री मोदी के प्रति हृदय से आभारी है कि उन्होंने ऋषि परंपरा के 'प्रसाद' योग विधा को वैश्विक मान्यता दिलाई।
राष्ट्रपति की यात्रा, संघर्ष की बड़ी गाथा है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का जीवन शिक्षक के रूप में भी प्रेरणादायी रहा है। उन्होंने अपना जीवन शिक्षक के रूप में आगे बढ़ाया, फिर जनसेवा के भाव से पार्षद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा की। उनकी यह यात्रा संघर्ष की बड़ी गाथा है, जो हर भारतीय के लिए नई प्रेरणा है।
लखनऊ के प्रशिक्षण केंद्र की भी सराहना की
मुख्यमंत्री ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी बहनों व पदाधिकारियों का अभिनंदन किया और कहा कि आज भी अपने कार्यक्रमों और राजयोग के माध्यम से निरंतर सकारात्मक भाव का संचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राजयोग के प्रशिक्षण की दृष्टि से लखनऊ के प्रशिक्षण केंद्र की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह शानदार केंद्र लगभग बनकर तैयार हो चुका है। यह उत्तर प्रदेश का उत्तम प्रशिक्षण केंद्र बन सकता है, जहां से एक दिन, तीन दिन व साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ समाज को जोड़ने का माध्यम प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि ब्रह्माकुमारी इस थीम को वर्ष भर प्रदेश, देश व दुनिया में ले जाने में सफल होगा। इससे पहले लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को लखनऊ पहुंचीं। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
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