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आपातकाल पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य(keshav maurya) ने कहा कि 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का वह दुर्भाग्यपूर्ण दिन था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लागू किया गया। यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर सीधा आघात था।
केशव प्रसाद मौर्य( keshav prasad maurya) ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए इस दमनकारी निर्णय की स्मृति में यह दिन 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में याद किया जाता है। यह उन असंख्य लोगों के साहस, संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने आपातकाल(Emergency 1975) के अमानवीय अत्याचारों का सामना करते हुए भी लोकतंत्र की ज्योति की रक्षा की।
आपातकाल के दौरान जनता पर अत्याचार किया गया
उप्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के राज्यसभा सांसद डाॅ. दिनेश शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायाल ने इंदिरा गांधी को छह वर्ष के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इससे बचने के लिए इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपा था। विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। झूठे केस में लोगों को फंसाकर जेल में डाल दिया गया। कहते हैं कि तैमूर लंग से भी ज्यादा अत्याचार देश की जनता पर आपातकाल के दौरान किया गया।
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