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शासन द्वारा जारी किया गया पत्र। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की सियासत में एक नया बवाल मच गया है। यहां पंचायत राज निदेशक की तरफ से ग्राम पंचायतों में अवैध कब्जा हटाने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया, लेकिन इस पत्र में चौंकाने वाली बात यह थी कि इसमे साफ-साफ लिखा था कि जाति विशेष (यादव) और धर्म विशेष (मुसलमान) द्वारा किए गए कब्जों को हटवाया जाए। मीडिया में यह पत्र सामने आने के बाद प्रदेश की अफसरशाही में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में यह पत्र जारी करने वाले संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को निलंबित कर दिया गया और पत्र को वापस ले लिया गया। हालांकि इस पत्र के सामने आने के बाद जो सियासी बवाल मचना था, वो तो मच ही गया है।
अखिलेश यादव बोले, हम कोर्ट जाएंगे
इस मामले में सबसे पहले कूदे समाजवादी पार्टी(samajwadi party) के मुखिया व प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)। उन्होंने भाजपा सरकार पर जाति विशेष व धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करने का आरोप लगाया। सपा मुखिया ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर कहा कि जो भी गैरकानूनी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो, क्योंकि अवैध तो अवैध होता है। उन्होंने सवाल किया कि क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है? अखिलेश यादव ने कहा कि इस मामले में न्यायपालिका को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए, यह संविधान विरोधी काम है। सपा मुखिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी इस मामले को लेकर कोर्ट भी जाएगी। उन्होंने कहा कि PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) को जितना प्रताडि़त किया जाएगा, PDA की ताकत उतना ही बढ़ेगी।
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