/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/29/maya-18-j-2025-07-29-12-29-21.jpeg)
बसपा प्रमुख मायावती का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, लेकिन राजनीतिक गतिविधियों ने अभी से जोर पकड़ रखा है। सभी पार्टियां अपने अपने स्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। बहुजन समाज पार्टी भी इसमें पीछे नहीं है। लखनऊ की आठ विधानसभा सीटों के लिए बसपा ने 16 संयोजकों की घोषणा कर दी है। खास बात यह है कि मुस्लिम मतदाता को ध्यान में रखते हुए इन संयोजकों में से आधे यानी 50 फीसद मुस्लिम हैं। बसपा ने लखनऊ में पिछड़ा, दलित व मुस्लिम भाईचारा कमेटी का भी गठन किया है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार बसपा प्रमुख मायावती( Mayawati) का मुख्य फोकस पिछड़ा, दलित और मुस्लिम के गठजोड़ पर है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में जोरदार वापसी की जा सके।
लखनऊ के लिए चुने गए संयोजक
क्षेत्र | संयोजक |
लखनऊ मध्य | कमरुल हसन और राजेश गौतम |
मोहनलालगंज | आसिफ मोहम्मद और कन्हैयालाल रावत |
बक्शी का तालाब | इमामुद्दीन और अमित गौतम |
लखनऊ पश्चिम | जिया उल हक और सज्जन लाल गौतम |
मलिहाबाद | आरसी अहमद और यशपाल वर्मा |
लखनऊ कैंट | मोहम्मद हबीब और देवेश कुमार गौतम |
लखनऊ पूर्वी | मोहम्मद अनीस और रामेश्वर दयाल |
लखनऊ उत्तर | नाम अभी सामने नहीं आए हैं |
पिछड़ा, दलित और मुस्लिम भाईचारा कमेटी भी बनाई
बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में पिछड़ा, दलित और मुस्लिम भाईचारा कमेटी का भी गठन किया है। मायावती का यह कदम समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए का जवाब माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि आगे भी बसपा में मुस्लिमों को अहम जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। पार्टी का मानना है कि यदि ये तीन वर्ग एक साथ उसके साथ आ जाएं तो उसे मजबूती मिलेगी, जो उसे विधानसभा चुनावों में जीत दिला सकती है।
यह भी पढ़ें निजीकरण के ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट की लीगल वैधता नहीं, उपभोक्ता परिषद ने की CBI जांच की मांग