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प्रतीकात्मक Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वंय सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढ़ाकर उन्हें स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाए जाने की दिशा में प्रदेश में बहुत तेजी के साथ कार्य हो रहा है। आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों से समूह सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी, पशु सखी, रेशम सखी, सूर्य सखी आदि बनाकर उनकी आमदनी में उल्लेखनीय अभिवृद्धि कराई गई है। इसी कड़ी में सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में दीदियों को प्रशिक्षण देकर महिलाओं की आमदनी में इजाफा करने की नई पहल की गई है।
13,064 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अब स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका से एक कदम आगे ले जाकर 'सूक्ष्म उद्यम सखी' के रूप में विकसित करने जा रहा है। इस पहल के तहत 13,064 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो आगे चलकर 50-50 अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ेंगी। अब तक ये महिलाएं अपनी आजीविका के लिए कार्य कर रही थीं, लेकिन इस पहल के माध्यम से वे खुद उद्यमी बनेंगी और दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। उन्हें छोटे व्यापार शुरू करने, वित्तीय सहायता प्राप्त करने और विपणन संबंधी जानकारी देने जैसे पहलुओं में मार्गदर्शन मिलेगा। बैंक सखी की मदद से उन्हें बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
यह पूरी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित कर सतत आजीविका और वित्तीय समावेशन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि करना है। पूर्व में इसी मिशन के तहत बैंक सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी और मनरेगा मेट जैसी भूमिकाएं तैयार की गई थीं, जिनसे महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक संबल मिला, बल्कि वे गांवों में बदलाव की मिसाल बनीं। इस प्रयास को सफल बनाने में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था तकनीकी सहयोग दे रही है। यह संस्था इन महिलाओं को प्रशिक्षण, उद्यम कौशल, प्रबंधन क्षमता, और बाज़ार से जोड़ने जैसे अहम पहलुओं पर सहयोग प्रदान कर रही है।
महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव
यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। सूक्ष्म उद्यम सखी न केवल स्वयं की पहचान बनाएंगी, बल्कि दर्जनों अन्य महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेंगी। साथ ही, ये महिलाएं प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप 'लखपति महिला' कार्यक्रम को भी सहयोग प्रदान करेंगी।सभी जनपदों में प्रति संकुल स्तरीय संघ में 4,--4 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी नियुक्त किया जाएगा, एक सूक्ष्म उद्यम सखी तकरीबन 50 महिलाओं को उद्यम कराने मे सहयोग करेगी।पूरे प्रदेश में कुल 13,064 सूक्ष्म उद्यम सखियों द्वारा 6,50,000 से ज्यादा उद्यम स्थापित कराये जाने का मसौदा तैयार किया गया है।
सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा
मिशन निदेशक,उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्रीमती दीपा रंजन द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में सूक्ष्म उद्यम सखी योजना लागू की गयी है,जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने एवं उन्हें उद्यमिता से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। यह योजना महिलाओं को व्यवसायिक ज्ञान, प्रशिक्षण, ऋण सहायता और बाजार की समझ प्रदान करती है। इसके माध्यम से स्थानीय संसाधनों पर आधारित सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उद्यम सखियाँ न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी एवं अनेकों स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लखपति बनने में सहायता प्राप्त होगी।इस योजना के अंतर्गत चयनित महिलाओं को डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था द्वारा विकसित प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से उद्यम एवं एंटरप्राइज प्रमोशन से संबंधित विषयों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके उपरांत ये महिलाएं न केवल स्वयं का उद्यम स्थापित करेंगी, बल्कि अन्य लगभग 50 महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य करेंगी।यह पहल महिलाओं को 'लखपति दीदी' के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है। ग्रामीण भारत की सामाजिक–आर्थिक दिशा बदलने वाली यह एक सशक्त पहल है।
36 जनपदों में ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ चयन परीक्षा
उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमिता को नया संबल प्रदान करने हेतू अब 3 जुलाई को शेष 36 जनपदों में ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ चयन परीक्षा आयोजित की जाएगी। 'सूक्ष्म उद्यम सखी' चयन परीक्षा मे चयनित महिलाओं को उद्यमिता का प्रशिक्षण दिया जायेगा।इससे पहले 17 जून को 39 जनपदों में यह परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। परीक्षा मे सुरक्षा और पारदर्शिता आदि अन्य सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने हेतु व्यापक दिशा निर्देश मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्रीमती दीपा रंजन द्वारा जिलो को पूर्व मे ही दिये जा चुके हैं।जिला स्तरीय चयन समिति की निगरानी में परीक्षा आयोजित की जाएगी।
संयुक्त मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जन्मेजय शुक्ला ने बताया कि अयोध्या, बागपत, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बरेली, चित्रकूट, इटावा, फर्रुखाबाद, फ़तेहपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, झांसी, कासगंज, कौशांबी, खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महाराजगंज, महोबा, मऊ, मेरठ, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, रामपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, उन्नाव एवं वाराणसी मे 3 जुलाई को परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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