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आन्जनेय कुमार सिंह और आजम खान का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद के मंडलायुक्त रहे आन्जनेय कुमार सिंह को एक बार फिर सेवा विस्तार मिल गया है। केंद्र सरकार ने उन्हें एक साल और उत्तर प्रदेश में रहने की मंजूरी और दे दी है। यह 7वीं बार है, जबकि उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है। सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के किले को ढहाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले आन्जनेय कुमार सिंह, सीएम योगी के पसंदीदा अधिकारी माने जाते हैं। यूपी में प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद आन्जनेय दो माह की छुट्टी पर चले गए थे। उनके सिक्किम लोटने की चर्चा थी लेकिन फिलहाल इन अटकलों पर विराम लग गया है। माना जा रहा है कि उन्हें मुरादाबाद में ही फिर तैनात किया जाएगा।
इसी 14 अगस्त को समाप्त हुई थी प्रतिनियुक्ति
आन्जनेय की प्रतिनियुक्ति इसी साल 14 अगस्त को समाप्त हुई थी। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया था कि उनकी प्रतिनियुक्ति एक बार और बढ़ा दी जाए। लेकिन समय पर यह आदेश नहीं आ सका और आन्जनेय को पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने मुरादाबाद डीएम अनुज सिंह को चार्ज सौंपते हुए 60 दिन की छुट्टी ले ली थी। मूल रूप से मऊ के रहने वाले आन्जनेय को इस से पहले एक-एक साल के चार सेवा विस्तार मिले थे। दो बार छह-छह माह के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। अब वह 2026 के अगस्त तक यूपी में अपनी सेवा देंगे। आन्जनेय का मूल कैडर सिक्किम है। वह रामपुर के डीएम और मुरादाबाद के कमिश्नर रहे हैं।
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ध्वस्त किया था आजम खां का साम्राज्य
रामपुर में डीएम के रूप में अपनी तैनाती के दौरान आन्जनेय ने आजम के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे। आजम के खिलाफ अलग अलग धाराओं में 93 मुकदमे दर्ज हुए थे और आजम को जेल जाना पड़ा था। आजम को तीन साल की सजा हुई थी। इसके बाद यूपी विधानसभा के अध्यक्ष ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। आजम की पत्नी फात्मा और बेटे अब्दुल्लाह पर भी बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज हुए थे। आन्जनेय ने न सिर्फ आजम द्वारा नियम विरुद्ध बनवाए गए उर्दू गेट को तुड़वा दिया था, बल्कि जौहर यूनिवर्सिटी को नियम विरुद्ध दी गई जमीन पर भी कब्जा ले लिया था। इससे तिलमिलाए आजम ने बयानबाजी शुरू कर दी थी। तब तिलमिलाए आजम ने कहा था कि इस अफसर से जूते साफ कराऊंगा। तिलमिलाए आजम ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान डीएम को लेकर कई तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद इसी डीएम से जूते साफ कराउंगा। आजम ने कहा, 'कलेक्टर-फलेक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्या हैं.. अल्लाह ने चाहा तो इनसे जूते साफ कराऊंगा।' आजम लगातार आन्जनेय के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। दर्ज किए गए मुकदमों के बारे में आन्जनेय ने कहा था कि सारे मुकदमे साक्ष्यों के आधार पर ही लिखे गए हैं।
अखिलेश यादव ही लाए थे यूपी में
2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पसंद पर वह यूपी कैडर में लाए गए थे। बाद में भाजपा सरकार बनी, तो वह योगी के खासमखास अफसरों में शामिल हो गए। यूपी में वह कई पदों पर रह चुके हैं, लेकिन रामपुर में डीएम और बाद में मुरादाबाद का कमिश्नर बनने के बाद वह विशेष रूप ले चर्चा में रहे।
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