लखनऊ, उत्तर प्रदेश : देशद्रोह का आरोप झेल रहीं लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad High Court ) से अंतरिम जमानत मिल गई है। डॉ. काकोटी ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ विश्वविद्यालय में काफी हंगामा हुआ था। बाद में एबीवीपी के एक कार्यकर्ता की ओर से उनके खिलाफ हसनगंज थाने में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
माद्री के पोस्ट पर बवाल
दरअसल, डॉ. माद्री काकोटी की पोस्ट पाकिस्तान में पीटीआई प्रमोशन नाम के एक्स हैंडल से रिपोर्ट किए गए थे, जिसमें वो कह रही थीं कि कश्मीर के पहलगाम में 27 लोग मारे गए हैं। इसमें आप जैसे, मुझ जैसे दिखने वाले आम हिंदुस्तानी 27 लोग की जान चली गई और मीडिया उनकी लाशों पर टीआरपी बटोरने में लगी है। इसके जिम्मेदार लोग से कोई वाजिब सवाल नहीं पूछा, इंटरनल सिक्योरिटी में इतनी बड़ी चूक हो गई और होम मिनिस्टर को पता तक नहीं चला।
प्रोफेसर ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि अगर सरकार इन सब की जिम्मेदार नहीं है तो वह करती क्या है? सोशल मीडिया पर भौंकने वाले भारत के कुत्ते, जो दो रुपए पर कमेंट के हिसाब से अपने नफरत की रोटी सेकते हैं, वो भी इस अटैक पर अपनी गंदी राजनीति का एजेंडा बनाने में लगे हैं। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सुनवाई की और फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर को अंतरिम राहत दी है।
लखनऊ बेंच ने खारिज की थी जमानत याचिका
इससे पहले डॉ. काकोटी की अंतिम जमानत की याचिका लखनऊ बेंच से खारिज हो चुकी थी। उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को एडीजे उमाकांत जिंदल ने खारिज कर दिया था। कोर्ट में अभियोजन की ओर से बताया गया कि वादी जतिन शुक्ला उर्फ मोहन शुक्ला ने हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी और हत्या से पहले पर्यटकों का धर्म पूछा था।
क्या था एफआईआर में
पहलगाम की घटना भारत की संप्रभुता पर हमला था, लेकिन भारत के अंदर रहने वाले कुछ राष्ट्र विरोधी मानसिकता के लोग इस घटना पर मौन समर्थन और बचाव कर रहे हैं। इसमें आगे कहा गया था कि आरोपी लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. काकोटी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लगातार पोस्ट करके भारत की एकता अखंडता और संप्रभुता पर लगातार हमला कर रही हैं। डॉ. माद्री काकोटि के पोस्ट भारत की शांति व्यवस्था के लिए खतरा है।
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