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पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ग्रामीण पर्यटन कॉन्क्लेव-2025 के सफल आयोजन के अगले दिन आज प्रतिभागियों के लिए एक विशेष फैमिलियराइजेशन ट्रिप (फैम ट्रिप) का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को गांव की असली खुशबू, परंपराओं और ग्रामीण जीवन की झलक से सीधे रूबरू कराना रहा। यात्रा के दौरान मेहमानों ने खेतों की पगडंडियों पर चलते हुए ग्रामीण परिवेश का अनुभव लिया, पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखा, लोककला और संस्कृति को करीब से देखा तथा स्वयं सहायता समूहों के हुनर की सराहना की।
इसमें पीलीभीत के राजेंद्र गुप्ता, अनिल शाही, मुजाहिद अली, प्रयागराज के बीके दिवेदी, तन्मय अग्रवाल, सार्थक, देवेंद्र कुमार तिवारी, कन्नौज के संदीप कुमार कटियार, फर्रूखाबाद के अजय कुमार सिंह, महेश सिंह, कानपुर के राज किशोर, मथुरा से संतोषी शर्मा, यशवीर सिंह, झांसी से सियाराम, विजय शंकर मिश्र, अनिल कुमार, जालौन से उदय प्रताप सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, आगरा से रागिनी, पीलीभीत से साहेब सिंह, मोबीन आरिफ, ज्ञान दीक्षित और लखीमपुर खीरी से पूजा डोंग शामिल रहीं।
भारत की जीवंत धरोहर और असली पहचान हैं गांव
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गांव केवल भौगोलिक स्थान नहीं हैं, बल्कि भारत की जीवंत धरोहर और असली पहचान हैं। हमारी परंपराएं, संस्कृति और मूल जीवनशैली गांवों से ही निकलकर दुनिया तक पहुंचती हैं। ग्रामीण पर्यटन न केवल भारत की नई वैश्विक पहचान बनेगा, बल्कि यह विभिन्न समुदायों को रोजगार, आत्मनिर्भरता और गौरव की नई राह भी दिखाएगा। आने वाले समय में गांव ही पर्यटन के सबसे बड़े आकर्षण और भारत की सॉफ्ट पावर साबित होंगे।
किसने क्या कहा
-इकिगाई फार्म स्टे के मालिक कर्नल सहाई ने कहा, 'ग्रामीण पर्यटन की सबसे बड़ी ताकत स्थानीय समुदाय की भागीदारी है। जब तक गांववाले सक्रिय रूप से इसमें शामिल नहीं होंगे, यह मॉडल सफल नहीं हो सकता। ग्रामीण पर्यटन शहर और गांव के बीच की दूरी को मिटाकर दोनों को एक-दूसरे से जोड़ने का मजबूत पुल बन सकता है।'
-पद्मश्री किसान राम सरन वर्मा ने कहा, 'मल्टी-लेयर खेती, केले की टिशू खेती और फसल विविधीकरण से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ती है, बल्कि यह ग्रामीण पर्यटन के नए अवसर भी खोलता है। यहां आने वाले पर्यटक खेती के आधुनिक तरीके नजदीक से देख और समझ सकते हैं। अगर खेती आगे बढ़ेगी, तभी भारत भी तरक्की करेगा।'
-विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा, 'आज का पर्यटन केवल दर्शनीय स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा की तलाश का माध्यम बन चुका है। हर घर, चाहे मिट्टी के बर्तन हों या अचार, पर्यटन इकाई बनने की क्षमता रखता है। इस तरह की फैम ट्रिप यह साबित करती है कि सामुदायिक मॉडल न केवल संस्कृति को जीवित रखते हैं, बल्कि भविष्य को भी टिकाऊ बना सकते हैं।'
-प्रयागराज के फूलकली फार्म स्टे के मालिक श्री सार्थक ने कहा, 'यह यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय रही। गांव की असली खूबसूरती को नजदीक से देखने और महसूस करने का अवसर मिला। यूपी टूरिज्म का आभारी हूं कि उन्होंने हमें सीखने और जुड़ने का इतना सार्थक मौका दिया।'
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