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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और और सपा मुखिया अखिलेश यादव का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजनीति में इन दिनों राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर जमकर सियासी हमले किए जा रहे हैं। मंगलवार को समाजवादी पार्टी(samajwadi party) के मुखिया व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चित्रकूट में पुल गिरने और कानपुर में पशु व्यापारी को लूटने वाले 11 पुलिसकर्मियों के निलंबन के मामले पर योगी सरकार पर निशाना साधा था। अब बारी थी सत्ता पक्ष की, तो मोर्चा संभाला डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने।
केशव प्रसाद मौर्य( keshav prasad maurya) ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, बात ज्यादा पुरानी नहीं है जब सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव(akhilesh yadav) के शासन में सत्ता की असली ताकत श्री आजम खान के चाबुक से चलती थी। यह पूरा प्रदेश जानता था, सपा के वही भाईजान अब अपनी पार्टी के लिए ना तो घर के हैं और ना ही घाट के। सपा के गलियारों में यह चर्चा भी आम है कि अपने बहादुर का नाम सुनकर उनको 'मितली(उल्टी)' आने लगती है। दरअसल, आजम खान पर फिलहाल कई मामलों में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं और इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं। उनसे अखिलेश यादव की दूरियों की खबरें भी सुर्खियों में रही हैं।
कई मामलों में जूझ रहे आजम खान कहीं राहत तो कहीं आफत
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मंगलवार को बेदखली प्रकरण में एक बार फिर राहत मिली है। ट्रायल कोर्ट में उनके खिलाफ अंतिम आदेश या फैसला देने पर लगाई गई रोक को 28 जुलाई तक बढ़ा दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी एक याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में आजम खान ने यूपी में चल रहे सभी मुकदमों का ट्रायल राज्य से बाहर कराने की मांग की थी।
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