/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/23/23-a4-2025-09-23-13-38-06.png)
आजम खान और अखिलेश यादव का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूरे 23 महीने, जी हां 23 महीने यानि दो साल में सिर्फ एक महीना कम समय जेल में गुजारने के बाद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान अब सलाखों से बाहर आ गए हैं और इसी के साथ राजनीतिक कयासों का दौर तेज हो गया है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या आजम खान समाजवादी पार्टी के साथ बने रहेंगे या फिर वह किसी दूसरी राह पर निकलेंगे। निश्चित रूप से यह आशंका सपा के बड़े नेताओं को भी परेशान कर रही होगी।
भले ही आजम खां ने लंबा समय जेल में बिताया हो, लेकिन रामपुर में उनके कद का कोई दूसरा नेता नहीं। रही बात समाजवादी पार्टी की तो आजम के जेल से निकलने के बाद जिस तेजी से अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव, दोनों ने ही प्रतिक्रिया दी, उससे लगता है कि उन्हें भी आजम के इधर-उधर होने की आशंका है। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने दावा किया कि आजम खां कहीं नहीं जा रहे और सपा में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह समाजवादियों के लिए खुशी की खबर है और साथ यह बड़ा ऐलान भी किया कि सपा सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ सारे मुकदमे वापस लिए जाएंगे। उन्होंने रामपुर के डीएम रहे आंजनेय सिंह का नाम लिए बिना कहा कि एक अधिकारी, जिसको एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन मिला, उन्होंने आजम को परेशान किया।
2024 में टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश-आजम के रिश्तों में खटास आई
फिलहाल आजम खां अपने दोनों बेटों अब्दुल्ला आजम और अदीब के साथ रामपुर की ओर निकल गए हैं। वहां उनके स्वागत के लिए मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा भी पहुंच चुकी हैं। वह आजम की नजदीकी बताई जाती हैं, लेकिन सवाल फिर वही है कि आजम को लेकर सपा आशंकित क्यों है? इसके जवाब में भी रुचिवीरा का ही नाम सुनने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और आजम खां के रिश्तों में खटास आई थी। आजम ने खुद चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में अखिलेश को रामपुर से मैदान में उतरने का सुझाव दिया था। इसके साथ ही उन्होंने मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा को टिकट देने की सिफारिश की थी। अखिलेश, रामपुर से तो चुनाव लड़े नहीं, लेकिन रुचिवीरा को मुरादाबाद से टिकट दे दिया था। रामपुर से उन्होंने आजम की पसंद को नजरअंदाज कर मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया था, जिसको लेकर सपा के स्थानीय नेताओं में नाराजगी थी।
जब आजम खान के बसपा में जाने की अफवाहें भी उड़ीं
इस बीच, एक उड़ती खबर यह भी थी कि आजम की पत्नी तजीन फात्मा ने दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की है। इसके बाद से आजम के बसपा में जाने की अफवाहें भी उड़ीं। यही वजह है कि सपा नेताओं ने उनके रिहा होने के बाद बयान देने में पूरी सक्रियता दिखाई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भी कहा कि हम अदालत के इस फैसले का स्वागत करते है। समाजवादी पार्टी पूरी तरह से उनकी मदद कर रही है। आजम सपा के साथ ही रहेंगे।
वस्तुतः आजम बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं और यदि वह कहीं और जाते हैं या अलग पार्टी बनाते हैं तो सपा के पीडीए (PDA) नैरैटिव पर बुरा असर पड़ेगा। आजम के बेटे ने यह बात अवश्य कही है कि सपा ने उनके पिता का पूरा साथ दिया, लेकिन आजम अप्रत्याशित फैसलों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके आगे की दिशा क्या होगी, यह देखने की बात है।
यह भी पढ़ें: प्यार का खौफनाक अंत : जिस सूटकेस पर सेल्फी ली थी, उसी में दफन कर बहा दी गई आकांक्षा
Azam Khan | akhileshyadav | Akhilesh Yada PDA | BSP Mayawati | BSP Chief Mayawati | Mayawati | samajwadi party | up news | latest up news | UP news 2025 | up news breaking | up news hindi | up news in hindi