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बसपा प्रमुख मायावती से आशीर्वाद लेते उनके भतीजे आकाश आनंद। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजनीति में फिर से सक्रियता दिखाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मुस्लिम समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए नया अभियान शुरू किया है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को प्रदेश, मंडल और जिला स्तर के मुस्लिम समाज से जुड़े संगठनों की बैठक में इस दिशा में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। बैठक में तय किया गया कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बसपा की ओर से 2-सदस्यीय मुस्लिम अल्पसंख्यक संगठन टीमों का गठन किया जाएगा, जो मुस्लिम समाज से संवाद कर उन्हें पार्टी की नीतियों से जोड़ेंगी। मायावती ने कहा कि बसपा का लक्ष्य सत्ता में आना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को न्याय और सम्मान दिलाना है।
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सपा और भाजपा दोनों ने मुस्लिमों को किया निराश
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी और भाजपा, दोनों ने ही मुस्लिम समाज का सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल किया है। मायावती ने कहा, 'सपा ने मुसलमानों को वोट बैंक समझा, जबकि भाजपा ने उन्हें भय और भ्रम में रखा। दोनों ही पार्टियों ने मुस्लिमों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कुछ नहीं किया।' बसपा सुप्रीमो ने दावा किया कि केवल बसपा ही ऐसी राजनीतिक शक्ति है, जो 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' की नीति पर चलती है और सभी वर्गों को समान सम्मान व अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाईचारे और संवाद पर जोर
मायावती ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मुस्लिम समाज के बीच जाकर पार्टी की नीतियों को समझाएं, सदस्यता अभियान चलाएं और उन्हें बसपा के सामाजिक मिशन से जोड़ें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर पार्टी के पदाधिकारी घर-घर संपर्क अभियान के तहत मुस्लिम भाइयों-बहनों से मिलें और बताएं कि बसपा ही उनकी राजनीतिक आवाज बन सकती है।
सत्ता में रहने वालों ने नहीं किया न्याय
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा और सपा दोनों ही दल, सत्ता में रहकर भी मुस्लिम समाज को उनका हक नहीं दिला सके। मायावती ने कहा, 'हमने अपनी सरकारों में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के सम्मान व सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बसपा सत्ता या पद के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसरों के लिए संघर्ष करती है।'
मतदाता सूची में नाम जोड़ने पर जोर
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) में मुस्लिम समाज के लोगों के नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का काम तेजी से करें। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है, ताकि समुदाय की भागीदारी आगामी चुनावों में प्रभावी रूप से हो सके।
2022 के अनुभवों से सबक
मायावती ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम समाज ने सपा और कांग्रेस पर भरोसा किया, लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। अब समय है कि वे बसपा की ओर देखें, क्योंकि बसपा ने हमेशा उनके विकास और सम्मान के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार के दौरान मदरसों के आधुनिकीकरण से लेकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में विकास कार्य तक, कई योजनाएं शुरू की गई थीं, जिनसे समुदाय को सीधा लाभ मिला।
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