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स्कूल जाते वक्त नाले से फिसलकर कीचड़ से भरी सड़क पर गिरी छात्रा Photograph: (YBN)
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। मैनपुरी के भोगांव में स्कूल जाते वक्त एक छात्रा जलभराव के कारण कचीड़ से भरी सड़क पर गई। उसका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। साथ ही प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के विलय को लेकर हाई कोर्ट के हालिया फैसले पर सवाल उठाए हुए कहा कि शिक्षा के संवैधानिक अधिकार को दरकिनार कर बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा खिलवाड़ किया जा रहा है।
कीचड़ में गिरती बेटियां, सरकार बेपरवाह
आम आदमी पार्टी के सांसद और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने एक्स पर छात्रा का वीडियो पोस्ट कर लिखा कि योगी राज में उत्तर प्रदेश की सच्चाई ये वीडियो मैनपुरी के भोगांव का है। जहां बच्चे जान हथेली पर रखकर कीचड़ से लथपथ रास्तों से स्कूल जा रहे हैं। एक बच्ची गंदे पानी और कीचड़ में गिर गई, लेकिन सरकार को न शर्म है, न सुध है! 'बेटी बचाओ' का ढोंग करने वालों की हकीकत यही है, जहां स्कूल जाने वाली बेटियां हर दिन कीचड़ में गिरती हैं, लेकिन सरकार नहीं उठती! योगी आदित्यनाथ जी, ये विकास है या विनाश?
चन्द्रशेखर का सरकार पर तीखा हमला
अजाद समाज पार्टी (काशीराम) के संस्थापक और प्रदेश की नगीना सीट से सांसद चंद्र शेखर आजाद ने भी वीडिया पोस्ट कर योगी सरकार पद निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी के भोगांव में भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भारी जलभराव हो गया है। बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते दिख रहे हैं। कीचड़ से भरी सड़कों पर एक बच्ची गिरती है, मगर कोई विकल्प नहीं, शिक्षा के प्रति उसका संघर्ष झकझोर देने वाला है। चंद्र शेखर ने आगे लिखा कि यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि सवाल है उस सिस्टम पर जो बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों को नजरअंदाज कर रहा है। लेकिन शर्म की बात ये है कि सरकार हालत सुधारने के बजाय गांव-गांव के सरकारी स्कूलों को बंद कर, उन्हें जबरन 'विलय' कर रही है।
क्या यही है 'विकास' योगी जी?
मेरा सवाल है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से..."क्या यही है वो 'विकास', जो स्कूलों को बंद करता है और बच्चों को कीचड़ में धकेलता है? मैं कहना चाहता हूँ से शिक्षा बच्चों का अधिकार है, सुविधा नहीं। उसे छीनने का हक किसी सरकार को नहीं। आखिरी में यही कहना चाहता हूं कि चले जाओ बच्चों स्कूल नहीं तो मुख्यमंत्री की शिक्षा-विरोधी तानाशाही सरकार कह देगी कि रास्ता बंद कर देते हैं, इससे बाकी बच्चों को पढ़ने की सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
अदालत भी सरकार की भाषा बोल रही
हद तो तब होगी जब उच्च न्यायालय भी सरकार की हां में हां मिलाकर यह न कह दे कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए अगर सड़क बनानी पड़ी, तो फिर तो गांव-गांव में सड़क बनानी पड़ेगी! मेरा एक सवाल है उच्च न्यायालय के उन न्यायाधीशों से, जो शिक्षा के संवैधानिक अधिकार (RTE Act 2009) के तहत प्रत्येक एक किलोमीटर के दायरे में 300 की जनसंख्या पर एक स्कूल के प्रावधान को अस्वीकार करते हुए कहते हैं कि फिर तो एक लाख स्कूल खोलने पड़ेंगे! आपके बच्चे बिना गाड़ी के अकेले रोज कितनी दूर पैदल जा सकते हैं?
योगी राज में उत्तर प्रदेश की सच्चाई👇
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 15, 2025
ये वीडियो मैनपुरी के भोगांव का है, जहां बच्चे जान हथेली पर रखकर कीचड़ से लथपथ रास्तों से स्कूल जा रहे हैं।
एक बच्ची गंदे पानी और कीचड़ में गिर गई, लेकिन सरकार को न शर्म है, न सुध है!
"बेटी बचाओ" का ढोंग करने वालों की हकीकत यही है, जहां… pic.twitter.com/3dtshYg8jH
उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी के भोगांव में भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भारी जलभराव हो गया है। बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते दिख रहे हैं। कीचड़ से भरी सड़कों पर एक बच्ची गिरती है, मगर कोई विकल्प नहीं — शिक्षा के प्रति उसका संघर्ष झकझोर देने वाला है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) July 15, 2025
यह सिर्फ एक वीडियो… pic.twitter.com/YsqwIe8nkB
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sanjay singh | chandrashekhar azad | UP Politics