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Electricity Privatisation : पावर कारपोरेशन कर्मचारियों पर निकाल रहा खीझ, संघर्ष समिति तेज करेगी आंदोलन

संगठन के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कारपोरेशन बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं कर पा रहा। इसलिए वह अपनी खीज बिजली कर्मचारियों पर निकाल रहा है।

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Deepak Yadav
sangarsh samiti ki baithak

संषर्घ समिति तेज करेगी आंदोलन source (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता रहा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति 27 जुलाई को लखनऊ में कोर कमेटी की बैठक में आन्दोलन तेज करने का निर्णय लेगी। वहीं, निजीकरण के खिलाफ 241वें दिन बिजली कर्मियों का प्रदेव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

हजारों कार्मिकों का स्थानांतरण

संगठन के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने शनिवार को कहा कि बिजली कर्मचारी सात महीने से संघर्ष कर रहे हैं। जिससे पावर कारपोरेशन बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं कर पा रहा। इसलिए वह अपनी खीझ बिजली कर्मचारियों पर निकाल रहा है। कारपोरेशन ने हजारों कार्मिकों का स्थानांतरण कर दिया। इनमें महिला कर्मी भी शामिल हैं। फेस हाजिरी के नाम पर सात हजार से अधिक कर्मियों का जून का वेतन रोक लिया गया। जुलाई माह समाप्त होने जा रहा है लेकिन अभी तक जून का वेतन नहीं दिया गया।

अभियंताओं पर फर्जी एफआईआर 

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शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कारपोरेशन कर्मचारियों को मिल रही बिजली रियायत खत्म करने पर तुला है। उनके घरों में जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। मीटर नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों को दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर और कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं विजिलेंस से अभियंताओं पर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन कार्रवाइयों के विरोध में रविवार को कोर कमेटी की बैठक में आंदोलन तेज करने का फैसला किया जाएगा।

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