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ऊर्जा मंत्री को उपभोक्ता परिषद की चुनौती, आयोग की जनसुनवाई में आकर निजीकरण की जानें हकीकत

अवधेश वर्मा ने कहा टोरेंट पावर और एनपीसीएल ने अब तक जितना मुनाफा कमाया, उसका पांच प्रतिशत प्रतिशत भी उपभोक्ताओं को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत टैरिफ में नहीं दिया।

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Deepak Yadav
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उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्री को चुनौती Photograph: (google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर नियामक आयोग अब आगरा और नोएडा में जनसुनवाई करेगा। राज्य विद्युत उपभोक्ता प​रिषद ने निजीकरण की हकीकत जानने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को इन दोनों सुनवाइयों में आने की चुनौती दी है। परिषद का कहना है कि टोरेंट पावर और नोएडा पावर कंपनी (एनपीसीएल) के निजीकरण को सफल बताकर सदन में कसीदे पढ़ चुके हैं। जबकि हकीकत में इनका निजीकरण विफल रहा है। दोनों भारी मुनाफा कमा रही हैं। लेकिन उपभोक्ताओं को कोई खास सुविधा नहीं मिल रही।

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बिजली दरों पर सुनवाई 15-16 को

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 15 जुलाई को आगरा और 16 जुलाई को नोएडा में बिजली दरों पर सुनवाई होगी है। इसमें वह खुद भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री को दोनों जनसुनवाई में आकर निजीकरण की हकीकत और जनता का मंतव्य जानना चाहिए। 

टोरेंट व एनपीसीएल पर गंभीर आरोप

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अवधेश वर्मा ने कहा टोरेंट पावर और एनपीसीएल ने अब तक जितना मुनाफा कमाया, उसका पांच प्रतिशत प्रतिशत भी उपभोक्ताओं को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत टैरिफ में नहीं दिया। इससे स्पष्ट है कि निजी कंपनियों केवल अपने लाभ के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री इनके निजीकरण की खूब तारीफ करते हैं। ऐसे में उन्हें सुनवाईयों में आकर निजीकरण के दोनों प्रयोगों की हकीकत देखनी चाहिए।

टोरेंट पावर पर 2200 करोड़ दबाने का आरोप 

वर्मा ने आरोप लगाया कि टोरेंट पावर ने पावर कारपोरेशन का 2200 करोड़ से ज्यादा बकाया वसूल कर दबा लिया। इसी तरह नोएडा पावर कंपनी में उपभोक्ता सामग्री और ट्रांसफार्मर खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले हो रहे हैं। एनपीसीएल का उच्च प्रबंधन ठेकेदारों से मिलीभगत करके भारी मुनाफा कमा रहा है।

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सरकारी दबाव में दबी फाइलें

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उनके प्रस्ताव पर पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने टोरेंट पावर और नोएडा पावर कंपनी के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे दबा लिया गया। उस पर भी जनता की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद अपनी बात रखेगा कि सरकार में किसके दबाव पर एनपीसीएल की पत्रावली को दबाया गया। उन्होंने कहा कि टोरेंट पावर की जांच रिपोर्ट शासन में धूल चाट रही है। इस मुद्दे को भी परिषद उठाएगा।

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