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Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने निजीकरण को लेकर ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन (एआईडीए) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिषद का कहना है कि निजी घराने और कई सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी इस संगठन में शामिल होकर पर्दे के पीछे से बिजली कंपनियों के निजीकरण की लाबिंग में जुटे हैं। सभी डिस्काम को पत्र लिखकर धारा 108 को बाध्यकारी बतकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
निजीकरण को बढ़ावा दे रहा एआईडीए
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग ने निजीकरण में मसौदे में गंभीर कमियां निकाली हैं।​ जिसके बाद निजीकरण की प्रकिया अधर में लटकी है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल हैं। संगठन पर्दे के पीछे निजी घरानों के साथ साठगांठ करके बिजली कंपनियों की संपत्ति को कम दामों में बेचने की साजिश में शामिल है। उन्होंने सवाल किया कि निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए इस संगठन को कौन फंडिंग कर रहा है, इसकी जांच होना चाहिए।
एसोसिएशन की जांच की मांग
अवधेश वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत लोग महत्व के मामले में राज्य सरकार के आदेश मानने के लिए नियामक आयोग बाध्य नहीं है। उस पर ऑल इंडिया डिस्काम एसोसिएशन ने सभी डिस्काम को पत्र लिखकर इस धारा को बाध्यकारी बता रहा है। जबकि संगठन के इसके लिए अधिकृत नहीं है। उन्होंने केंद्र और सरकार से एसोसिएशन की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
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