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छह माह से वेतन के इंतजार में जल निगम कर्मचारी, मुख्यालय में प्रदर्शन कर मनाया काला दिवस

एसपी मिश्रा ने कहा कि वर्ष 1997 से सेन्टेज राशि 22 से घटाकर 12.5 कर दी गयी। जिससे कर्मियों की वित्तीय स्थिति खराब होने लगी। रही सही कसर सितम्बर 2021 को जल निगम को 2 भागों में बांटने से पूरी हो गयी।

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Deepak Yadav
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छह माह से वेतन के इंतजार में जल निगम कर्मचारी Photograph: (YBN)

लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। छह माह से वेतन और पेंशन नहीं मिलने से नाराज जल निगम कर्मियों और पेशनरों ने मंगलवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। इसकी क्रम में लखनऊ स्थित मुख्यालय में एकत्र हुए कर्मचारियों ने नौ सितंबर को काला दिवस करार देते हुए श्वेत पत्र जारी किया। कई जनपदों में प्रदर्शन के दौरान कामकाज पूरी तरह ठप रहा। 

ट्रेजरी से वेतन-पेंशन बंद

यूपी जल निगम संषर्घ समिति के संयोजक योगेन्द्र नाथ उपाध्याय ने कहा कि जल निगम 1994-95 से लेकर 1975 तक राजकीय विभाग रहा। वेतन और पेंशन ट्रेजरी से मिलती थी। जल निगम बनने के बाद वेतन और पेंशन शासन ने ट्रेजरी से देना बन्द कर दिया। जल निगम को वेतन और पेंशन सहित सभी खर्चे 22 प्रतिशत सेंटेज से ही वहन करने के लिए बाध्य होना पड़ा।

वेतन और पेंशन ट्रेजरी से सम्बद्ध करने की मांग

एसपी मिश्रा ने कहा कि 2021 को जल निगम को दो भागों में बांटने से असन्तुलन हो गया। एक निगम में 6 माह से वेतन व पेंशन नहीं मिला। दूसरे निगम में एक माह से 14 साल से कार्मिक बोनस से वंचित हैं। दोनों निगमों में रिटायरमेंट देयों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। वहीं दोनों निगमों ने वेतन से जीपीएफ की धनराशि काटकर उसे कहीं निवेश न कर अमानत में खयानत कर रही है।

सेंटेज राशि घटने से निगम की कमर टूटी

राम अधार पाण्डेय, एमके भट्ट आकाश श्रीवास्तव ने कहा कि जल निगम विभाजन के बाद अब सेंटेज राशि घटाकर सिर्फ पांच प्रतिशत कर दी गयी। जिससे जल निगम की कमर टूट गयी है। अब पेयजल और सीवर व्यवस्था ध्वस्त होने से बचाने को लिए जल निगम को सेंटेज रहित घोषित करते हुए कर्मियों का वेतन और पेंशन ट्रेजरी से सम्बद्ध और निगम का एकीकरण किया जाए, जिससे दोनों निगमों में संतुलन के साथ नियमों को लागू करने और प्रशासनिक तथा वित्तीय अराजकता समाप्त हो सकें। उन्होंने नौ लाख शिक्षकों की तरह जल निगम कर्मियों और पेंशनरों को भी कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराने की मांग की।

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Protest | Jal Nigam

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