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विश्व हिन्दू रक्षा परिषद ने मानवी की कराई घर वापसी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यह दास्तान है औरैया जनपद की रहने वाली मानवी शर्मा की, जिसे लव जिहाद में फंसा कर धर्मांतरण करा दिया गया और उसके पूरे परिवार को भी धर्म बदलने के लिए धमकाया जा रहा था। सैकड़ों कष्ट झेलने के बाद आखिरकार अंत में मानवी ने साहस दिखाया और अपने धर्म में वापस लौट आई।
मदद का झांसा देकर जाल में फंसाया
इस दुखद व पीड़ादायक कहानी की शुरुआत होती है मानवी के शराबी पिता से। एक दिन रुद्र शर्मा नाम का युवक मानवी से मिला। धीरे धीरे उसने परिचय बढ़ाया और जब उसे पता चला कि मानवी के पिता को शराब की लत है, तो तुरंत उसके शातिर दिमाग में खौफनाक योजना ने जन्म ले लिया। आरोपी युवक ने मानवी और उसकी मां से कहा कि झांगुर बाबा नाम के तांत्रिक से मिलकर उनके पति की शराब की लत छुड़वाई जा सकती है।
धोखे में रख कर किया निकाह
बरसों से शराबी पिता व पति से त्रस्त मां-बेटी को तो मानो मनचाही मुराद मिल गई। वह दोनों तांत्रिक से मिलने को राजी हो गईं। वह नहीं जानती थीं कि वह कितनी बड़ी साजिश का शिकार होने जा रही हैं। एक दिन वह दोनों बाबा से मिलने गईं। बाबा ने उन्हें ताबीज दिया और कहा कि इसे अपने पति को पहना देना, उसकी शराब की लत छूट जाएगी। इसके कुछ दिन बाद आरोपी युवक दोबारा आया और कहा कि बाबा कानपुर में हैं, चलकर दोबारा मिलो। कानपुर पहुंचते ही मानवी की जिंदगी का मंजर ही बदल गया। रुद्र शर्मा नाम का वह युवक, जिसे मानवी जानती थी, उसने जबरदस्ती मानवी से निकाह कर लिया। तब मानवी को पता चला कि वह कोई रुद्र नहीं बल्कि मेराज अंसारी है।
निजी वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने लगा
मानवी को यह भी पता चला कि मेराज ही नहीं, उसके सभी भाइयों ने भी हिंदू लड़कियों से ही निकाह किया है। जब उसने सच्चाई जानी, तो वह अपने परिवार के पास लौट आई। लेकिन मेराज ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। वह उसे निजी वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने लगा। उसने यहां तक कहा कि अगर मानवी अपनी छोटी बहन का भी निकाह उससे करवा दे, तभी वह दोनों बहनों को साथ रखेगा।
अपनी सनातनी पहचान में लौट आई हूं
इस अपमानजनक और अमानवीय मांग से आहत होकर मानवी के पिता की मेराज से हाथापाई हो गई। इसी झगड़े में मेराज बेसमेंट में गिरा और उसकी मौत हो गई। अब इस घटना के बाद मानवी के माता-पिता जेल में हैं। मानवी कहती है, 'मुझे अब समझ आया कि मैंने कितना कुछ खो दिया, लेकिन अब मैं फिर अपने धर्म, अपनी सनातनी पहचान में लौट आई हूं। यही मेरी सच्चाई है, यही मेरी ताकत। आज मैं बहुत खुश हूं।'
प्रदेश में गजवा-ए-हिंद की साजिश
इस मामले को लेकर विश्व हिन्दू रक्षा परिषद (VHRP) के अध्यक्ष गोपाल राय ने दावा किया है कि प्रदेश में गज़वा-ए-हिंद की साजिश को अंजाम देने के पीछे छांगुर पीर उर्फ जलालुद्दीन, मोहम्मद अहमद खान और अब्दुल माबूद रजा उर्फ आकिब की अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने अब तक करीब 3 हजार हिंदुओं का अवैध धर्मांतरण कराया है और विदेशी फंडिंग के जरिए आतंकी नेटवर्क और लव जिहाद जैसे कृत्य संचालित किए हैं।
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पांच सौ करोड़ से अधिक की विदेशी फंडिंग
गोपाल राय ने आरोप लगाया कि इन लोगों के पास 19 विदेशी बैंक खातों के जरिए लगभग 500 करोड़ रुपये भेजे गए, जबकि हवाला नेटवर्क से कई हजार करोड़ रुपये आतंकी गतिविधियों, धर्मांतरण और लैंड जिहाद के लिए उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में पहुंचाए गए। गोपाल राय ने बताया कि जिन हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराया गया था, उनमें से कई की हाल ही में घर वापसी कराई गई है। इनमें सोनू रानी,मालती,रीना, पल्लवी मन्नत आब्दि, हरजीत कश्यप, संचित गौतम राम, नरेश मौर्या, नरेंद्र मिश्रा, मूर्ति देवी और अन्य शामिल हैं।
पुणे में आतंकी कैंप बनाने की तैयारी
गोपाल राय ने आरोप लगाया कि बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र का रहने वाला यह गिरोह सरकारी नजूल जमीनों पर अवैध कब्जा, बलात्कार, फर्जी दस्तावेजों से संपत्तियों की खरीद और कमजोर वर्ग की लड़कियों को फंसाकर धर्मांतरण जैसे मामलों में संलिप्त है। मोहम्मद अहमद खान को 50 लाख रुपये बैंक खाते में और 16 करोड़ रुपये के अग्रीमेंट के तहत पुणे (महाराष्ट्र) में आतंकी कैंप स्थापित करने के लिए पैसे भेजे गए। वहीं, गिरोह के सलाहकार अब्दुल माबूद रजा के खाते में 40 लाख रुपये और हवाला के जरिए करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए। गोपाल राय ने आरोप लगाया कि मामले की एफआईआर एटीएस थाना गोमतीनगर में दर्ज है, लेकिन जांच एजेंसियों की भूमिका संदिग्ध है। स्थानीय लोगों के हवाले से उन्होंने बताया कि ATS के कुछ अफसरों ने करोड़ों रुपये की घूस लेकर आरोपियों को राहत पहुंचाई, जो देशहित और जनमानस के लिए घातक है।
हिंदू नेताओं की हत्या में संलिप्तता
गोपाल राय ने दावा किया कि छांगुर पीर गिरोह ही हिंदू नेता कमलेश तिवारी और चंदन गुप्ता की हत्या का जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि गिरोह संपन्न और अकेली बेटियों को फंसा कर उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लेता है। गोपाल राय ने यह भी बताया कि उन्हें स्वयं छांगुर गिरोह के गुर्गों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है।
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