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16 हजार आरक्षित पद बचाने को बिजली कर्मियों का बिगुल, 15 जुलाई को आरपार की लड़ाई का होगा एलान

पूर्वांचल और दक्षिणांचल के 42 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही है। निजीकरण के बाद दोनों निगमों में 16 हजार आरक्षित पदों के समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।

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Deepak Yadav
electricity privatisation UP

Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (pvvnl-dvvnl) के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली है। दोनों डिस्कॉम के आरक्षित 16 हजार पदों को बचाने के लिए सम्मेलन किए जा रहे हैं। कानपुर और वाराणसी के बाद अब 15 जुलाई को आगरा में इस मुद्दे को लेकर सम्मेलन होगा। 

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निजीकरण से 16 हजार आरक्षित पदों पर संकट

पूर्वांचल और दक्षिणांचल के 42 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही है। निजीकरण के बाद दोनों निगमों में 16 हजार आरक्षित पदों के समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। इन आरक्षित पदों को सुरक्षित रखने के लिए पावर आफिसर्स एसोसिएशन प्रदेश सरकार से लेकर पावर कारपोरेशन तक को कई बार ज्ञापन दे चुका है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसे में निगमवार आरक्षण बचाओ सम्मेलन शुरू किया गया है। 

आगरा सम्मेलन में आरपार की लड़ाई का होगा एलान

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पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि आगरा में शाम पांच बजे होने वाले इस सम्मेलन में 16 हजार आरक्षित पदों को बचाने के लिए आरपार की लड़ाई का एलान किया जाएगा। रविवार को फील्ड हॉस्टल में हुई बैठक में सम्मेलन की तैयारी की समीक्षा की गई। 

सम्मेलन में आरपार की लड़ाई का होगा एलान

एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, सचिव मनोज सोनकर ने कहा कि आरक्षित पदों को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर प्रदेश के सभी सरकारी विभाग इस मुहिम में साझा रणनीति के तहत आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीना गया और अब आरक्षण भी ही छीनने की कोशिश की जा रही है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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