Advertisment

योगी सरकार का अभेद्य 'चक्रव्यूह' तोड़ न सका नकल माफिया और साल्वर गैंग, हुए पस्त

प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर AI सक्षम CCTV, GPS निगरानी, बायोमेट्रिक सत्यापन और चेहरों की पहचान जैसे तकनीकी उपाय अपनाए गए। परीक्षा संचालन के लिए SOP जारी की गई।

author-image
Abhishek Mishra
Yogi government

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Photograph: (Social Media)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती-2023 परीक्षा निष्पक्ष, पारदर्शी और सकुशल संपन्न कराने के लिए अभेद्य चक्रव्यूह रचे। सीएम योगी के अभेद्य चक्रव्यूह ने नकल माफिया और साल्वर गैंग के मंसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की अहम भूमिका रही थी। इसके जरिये परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली को रोकने में लिए पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इसके अलावा न केवल प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को मजबूत किया गया था, बल्कि उनकी गोपनीयता भी सुनिश्चित की गई थी। प्रश्नपत्रों को गोपनीय चिन्हों से सुरक्षित किया गया था और मल्टी-लेयर पैकेजिंग की गई थी ताकि किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके। योगी सरकार के मजबूत सुरक्षा उपायों ने नकल माफियाओं के मंसूबों को विफल कर दिया और पुलिस भर्ती परीक्षा को एक सफल और निष्पक्ष आयोजन में तब्दील कर दिया। सीएम योगी की सीधी मॉनीटरिंग से देश की सबसे बड़ी परीक्षा में शुमार पुलिस भर्ती परीक्षा पूरे देश में एक मॉडल बन गयी। अब देश के दूसरे राज्य भी सीएम योगी के अभेद्य चक्रव्यूह को अपना रहे हैं।  

Advertisment

AI से रोकी गई धांधली

सरकार ने पुलिस सिपाही भर्ती (60,244) की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए आधुनिक तकनीक का भरपूर प्रयोग किया गया था। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये 15 हजार प्रश्नों का एक विशाल प्रश्न बैंक तैयार किया था, जिसे परीक्षा के दौरान रैंडमाइजेशन किया गया था। वहीं प्रश्नपत्रों में प्रश्नों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था। इसमें प्रश्नों को कठिन, मध्यम और आसान श्रेणी में बांटा गया, जिसमें 30 प्रतिशत कठिन, 50 प्रतिशत मध्यम और 20 प्रतिशत आसान प्रश्न शामिल थे। इसके साथ ही परीक्षा में निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक प्रश्नपत्र की 8 अलग-अलग सीरीज तैयार की गई थीं। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि अगल-बगल बैठे अभ्यर्थियों को अलग-अलग सीरीज के प्रश्नपत्र वितरित किए जा सके। इससे नकल की संभावना को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था। 

परीक्षा केंद्रों पर थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Advertisment

सरकार ने परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया था। इसके तहत सभी परीक्षा केंद्रों पर एआई सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। प्रश्न पत्रों को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम/कोषागार की व्यवस्था की गई थी, जिसे सीसीटीवी और जीपीएस से लैस किया गया था। परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को प्राथमिकता दी गई थी।

एआई सक्षम सीसीटीवी से की गई थी पहचान

सरकार ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी अभ्यर्थियों का आधार द्वारा सत्यापन कराया था। वहीं जिन अभ्यर्थी का ऑनलाइन आधार सत्यापित नहीं हो सका, उनका केंद्र पर बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया था। परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक कैप्चर, फोटो खींचना और चेहरों की पहचान के लिए एआई सक्षम सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया किया गया था। प्रत्येक केंद्र पर एक कमांड कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था, जहां से रियल-टाइम मॉनीटरिंग की गयी थी। वहीं परीक्षा के संचालन के लिए केंद्र अधीक्षक, पुलिस अधिकारी, सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी।

Advertisment

परीक्षा संचालन के लिए SOP जारी, हर चरण की मॉनीटरिंग

सरकार के निर्देश पर बोर्ड ने परीक्षा के संचालन के दौरान कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की थी। परीक्षा के बाद सभी दस्तावेजों का निस्तारण भी इसी एसओपी के अनुसार किया गया था। इसके साथ ही ट्रांजिट सुरक्षा जीपीएस, डिजिटल लॉक और स्टोरेज केबिन कैमरा आदि की समय-समय पर समीक्षा की गयी थी। इसके अलावा परीक्षा से संबंधित आंतरिक प्रक्रियाओं, परिवहन और ट्रांसशिपमेंट की भी समय-समय पर समीक्षा की गई थी। 

सॉल्वर गैंग और नकल माफिया पर पहले से रखी गई नजर

Advertisment

सरकार ने परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारियों की फिजिकल ट्रेनिंग करायी थी। इस दौरान उन्हे सोशल मीडिया को लेकर किस तरह से अलर्ट रहना है, इसकी बारीकी से जानकारी दी गयी थी। इसके अलावा नकल माफिया और सॉल्वर गैंग के 1,541 लोगों की सूची तैयार की गयी और परीक्षा शुरू होने से पहले इन पर नकेल कसनी शुरू की गयी थी। इनमें 12 वर्ष के परीक्षा संबंधी आरोपियों पर विशेष निगरानी की गयी थी। इतना ही नहीं परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सीएम योगी ने मुख्यालय स्तर पर डीजीपी, एसटीएफ, जिलास्तर पर डीएम और एसएसपी को आपसी समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिये थे। 

टैम्पर-प्रूफ मल्टीपल लेयर पैकेजिंग से हुई उत्तर पुस्तिका की सुरक्षा

सरकार ने परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका को सुरक्षित करने के लिए बक्से की टैम्पर प्रूफ मल्टीपल लेयर पैकेजिंग की व्यवस्था की थी ताकि इससे कोई छेड़छाड़ न हो सके। प्रश्नपत्रों के लिए भी इसे ही अपनाया गया था। इसके लिए बोर्ड परीक्षा को लेकर तीन चुनौतियों पर फोकस किया था। इनमें टेलीग्राम, आधार प्रमाणीकरण और प्राइवेसी पॉलिसी शामिल थी।

यह भी पढ़ें- सफाई व्यवस्था की खुली पोल : वार्डों में गंदगी देख मंत्री सुरेश खन्ना का पारा चढ़ा, अधिकारियों की लगाई क्लास

यह भी पढ़ें-‘शर्मा चाय वाले’ के बन में कॉकरोच मिलने पर कार्रवाई : FSDA ने बेकरी में मारा छापा, संचालक को नोटिस

यह भी पढ़ें- गृह मंत्री के दौरे से पहले DGP ने कार्यक्रम स्थल का लिया जायजा : बोले- हजारों युवा बनेंगे UP पुलिस का हिस्सा

Advertisment
Advertisment