महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
किन्नर अखाड़े से ममता कुलकर्णी और महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के निष्कासन पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस कार्यवाही पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जाहिर की है। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी बोले- आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े से निकालने वाले ऋषि अजय दास कौन हैं, मैं नहीं जानता, मैंने कभी उनका नाम नहीं सुना। वो कैसे खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बता रहे हैं, पता नहीं। हम लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को जानते हैं और उन्हीं के साथ हैं। सभी 13 अखाड़ों ने महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी का समर्थन किया है।
जूना अखाड़े के साथ स्नान करेंगी ममता
परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि वैराग्य किसी को भी जीवन के किसी भी चरण में हो सकता है, चाहें वह किसी भी जाति या पेशे से क्यों न हो। ममता कुलकुर्णी स्वेच्छा से किन्नर अखाड़े में शामिल होना चाहती हैं तो इस पर किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। हम ममता कुलकर्णी का समर्थन करते हैं। आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकुर्णी दोनों बसंत पंचमी के मौके पर जूना अखाड़े के साथ पवित्र स्नान करेंगी।
सन्यासियों का निष्कासन करना पाप है
महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने जितने साधु-संत बनाए हैं वह सभी संन्यासी हैं। किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने मुंडन करवाया है, और गले में माला धारण करते हैं। ऐसे लोगों का निष्कासन करना अत्याचार है, ये पाप है, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, हमें सबको साथ लेकर चलना है। सन्सासी की कोई जाति नहीं होती, इसलिए हमें जाति से ऊपर उठकर काम करना है। किन्नर समाज भी हमारा अंग है, अगर संन्यासी किन्नर समाज का साथ नहीं देंगे तो वे कहां जाएंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी महाकुंभ पहुंचकर स्वेच्छा से किन्नर अखाड़े में शामिल हुई थीं, उन्हें महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद किन्नर अखाड़े में घमासान शुरू हो गया है। अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाने को लेकर किन्नर अखाड़े के भीतर ही विरोध शुरू होने के बाद खुद को अखाड़े का संस्थापक बताते हुए ऋषि अजय दास ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी के निष्कासन के संबंध में एक पत्र जारी कर दिया।
महामंडलेश्वर बोले- निष्कासन अवैध
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को अवैध करार दिया है। उनका कहना है कि ऋषि अजय दास को किन्नर अखाड़े से पहले ही निकाला जा चुका है। फिलहाल खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बताने वाले ऋषि अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी आमने सामने आ गए हैं।