Advertisment

Mahakumbh 2025: आज त्रिवेणी योग में अमावस्या, करोड़ों करेंगे महाकुंभ में अमृत स्नान, आप भी इन बातों का रखें ध्यान

मौनी पर गंगा स्नान करने से सभी देवी देवता और पितृ देवता प्रसन्न होते हैं। इस खास दिन पर ये सभी गंगा में स्नान करने का खास महत्व है। शाम को पितरों के लिए दीपक जलाना न भूलें।

author-image
Dhiraj Dhillon
Mahakumbh

Mahakumbh Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment
हर माह की अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व है, लेकिन माघ माह की अमावस्या यानी मौनी अमावस्या में बात ही कुछ और है। इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। आज मौनी अमावस्या है और बहुत ही शुभ संयोग भी। त्रिवेणी योग में त्रिवेणी पर स्नान एक तरह से समुद्र मंथन जैसा बताया जा रहा है। आज स्नान और ध्यान, दोनों का अति महत्व है। स्नान के बाद किसी जरूरतमंद को अपनी जरूरत के मुताबिक दान देना बहुत ही फलदायी होता है।
Advertisment

छह बजकर पांच मिनट तक मौनी अमावस्या

आज सायं छह बजकर पांच मिनट तक मौनी अमावस्या पर दुर्लभ शिववास संयोग है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने से सभी देवी देवता और पितृ खुश होते हैं। इस खास दिन पर ये सभी गंगा में स्नान करने पह‌ुंचते हैं इसलिए इस दिन स्नान का खास महत्व है। शाम को पितरों के लिए दीपक जलाना न भूलें।
Advertisment

पांच डुबकी लगाने का है विधान

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या पर पांच डुबकी लगाने का विधान है। पहली दो डुबकी लगाते समय आपका चेहरा पूरब की ओर होना चाहिए। पहली डुबकी आपके जीवन में ऊर्जा का संचार होगा। डुबकी लगाने से पहले त्रिवेणी यानी गंगा, यमुना, सरस्वती और जल देवता को प्रणाम करना भी न भूलें। दूसरी डुबकी लगाते समय कुल का ध्यान करें। तीसरी डुबकी के समय अपने मुख उत्तर की ओर कर लें और भवगान शिव, माता पार्वती, सप्तऋषियों और अपने गुरूओं का ध्यान करें। चौथी डुबकी पश्चिमी की दिशा में मुं‌ह करके लगाएं। इससे 33 कोटि देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। पांचवी डुबकी दक्षिण की ओर मुख करके लगाएं।
Advertisment

पितरों का प्रसन्न करने के लिए खास दिन

मौनी अमावस्या पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास दिन माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करें। उन्हें उनकी पसंद की चीजों की भोग लगाएं। मौनी अमावस्या के दिन सभी देवी देवता और पितृ गंगा में स्नान करने आते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने से पितृ खुश होकर कृपा करते हैं और पितृ दोष दूर हो जाता है। इस दिन मौन रहकर पितरों का ध्यान अवश्य करें। उपवास भी करें तो और अच्छा है। जरूरतमंदों को धन या वस्त्र का दान करें। 

गंगा स्नान नहीं कर पा रहे तो यह जरूर करें

गंगा स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें। शाम को पितरों के लिए दीपक जलााएं। दीपक मिट्टी का होना चाहिए। इसे धोने के बाद अच्छे से सुखा लें। दीपक में सरसों या तिल का तेल डालें और घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें। दीपक में तेल इतना हो कि पूरी रात जल सके। घर में पितरों की तस्वीर हो तो तस्वीर के पास भी दीपक जलाएं। 

सूर्यास्त तक कभी भी कर सकते हैं स्नान दान

मौनी अमावस्या में स्नान के लिए बृह्म मुहूर्त का समय सबसे अच्छा होता है, लेकिन बृह्म में स्नान न कर पाने वाले श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त के बीस कभी भी स्नान दान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन नाखून और बाल आदि न काटें। सात्विक भोजन करें और झूठ बोलने व झगड़ा करने से बचें। बहुत अच्छा हो कि इस ‌मौन धारण करें।
Advertisment
Advertisment