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Moradabad: 15 साल पहले गलशहीद थाना क्षेत्र में हुई हत्या के दोषी को उम्रकैद, 25 हजार जुर्माना भी लगाया

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था जिसमें युवक की गोली मारकर हत्या होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने छानबीन में पाया कि मृतक का नाम वीरेंद्र कुमार है और वो गांव बरखेड़ा जनपद बिजनौर का रहने वाला था।

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Roopak Tyagi
फोटो:जिला न्यायालय मुरादाबाद

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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गलशहीद थाना क्षेत्र में अब से लगभग पन्द्रह बर्ष पहले हुई युवक की हत्या में अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई और 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

आरपीएफ जवान की तहरीर पर दर्ज हुआ था केस

गलशहीद थाना क्षेत्र में 6 सितंबर 2010 को एक रेलवे पुलिस के जवान अशफुल्ला खान ने रेलवे मालगोदाम के पास एक शव पड़ा देखा था। इसके बाद अशफुल्ला खां ने गलशहीद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। रेलवे किनारे शव मिलने की सूचना के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी।

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गोली मारकर की गई थी युवक की हत्या

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था जिसमें युवक की गोली मारकर हत्या होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने छानबीन में पाया कि मृतक का नाम वीरेंद्र कुमार है और वो गांव बरखेड़ा जनपद बिजनौर का रहने वाला था। पुलिस की जांच में पता चला कि वीरेन्द्र ने एक ट्रैक्टर खरीदा था जिसे कुलविंदर नाम का युवक चलाता था। वीरेंद्र और कुलविंदर के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी,इस कहासुनी के बाद दोनों में विवाद होता रहता था। विवादों के चलते ही कुलविंदर ने अपने दोस्त वीरेन्द्र की हत्या की योजना बना डाली।

दो दोस्तों ने मिलकर की थी हत्या 

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कुलविंदर ने वीरेंद्र को रास्ते से हटाने में अपने एक साथी विनय की मदद ली थी। विनय संभल जनपद के हजरतनगर गढ़ी का रहने वाला था। विनय ने ही वीरेंद्र को अलीगढ़ ले जाने के बहाने बुलाया था। जहां पर कुलविंदर ने रास्ते में ही वीरेंद्र को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया और शव को मालगोदाम के पास फेंक दिया था। पुलिस को विनय के पास से मृतक वीरेंद्र का मोबाइल व हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा भी बरामद हुआ था। पुलिस हत्या में शामिल विनय व कुलविंदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद दोनों आरोपी जमानत पर रिहा हुए और जमानत मिलने के बाद आरोपी कुलविन्दर फरार हो गया।

दोस्त के कहने पर दिया था हत्या में साथ,अब अकेले जेल में बीतेगी बची हुई जिंदगी

कुलविंदर के फरार हो जाने के बाद अदालत ने उसकी फाइल को विनय से अलग कर दिया। इसके बाद न्यायालय ने सबूतों के आधार पर संभल के हजरतनगर गढ़ी निवासी विनय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

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