मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। आयुष्मान योजना में घोटाले के बाद अब मुरादाबाद में जीएसटी घोटाला सामने आया है। यहां लकड़ी के कारोबारियों ने सरकार को लगभग 73 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है। जैसे ही ये खबर जीएसटी विभाग को लगी तो कार्रवाई करते हुए 15 शेल कंपनियों के रेजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए गए। इस घोटाले में कुछ व्यापारियों ने मिठाई और परचून की दुकानों द्वारा लकड़ी की खरीद फरोख्त दिखा दी गई। फिलहाल जीएसटी विभाग मामले की बारीकी से जांच कर रहा है।
67 शेल कंपनियों का फर्जीवाड़ा आया सामने
पूरा मामला तब उजागर हुआ जब राज्य कर विभाग ने इनपुट टैक्स क्रेडिट की जांच शुरू की। गहराई से पड़ताल हुई तो परतें खुलती चली गईं। अब तक 67 शेल कंपनियां इस फर्जीवाड़े में सामने आ चुकी हैं, जिनमें से 15 के रजिस्ट्रेशन पहले ही रद्द कर दिए गए हैं। बाकी पर जांच जारी है। गुरुवार को ठाकुरद्वारा में हुई छापेमारी ने मामले को और पुख्ता कर दिया। सीटीओ के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। जांच में पाया गया कि उत्तराखंड से टैक्स चुकाए बिना लकड़ी मंगाई जा रही थी, और उसे इन शेल कंपनियों के जरिये कागजों पर वैध बताया जा रहा था।
दिलचस्प बात यह है कि कई ऐसी दुकानें भी लकड़ी व्यापार में शामिल पाई गईं जो असल में मिठाई या परचून बेचती थीं। नाम कागज पर बदला गया लेन-देन डिजिटल हुआ और सरकार को भनक तक न लगी जब तक कि आईटीसी क्लेम की गहराई से जांच नहीं की गई। यह मामला सिर्फ मुरादाबाद तक सीमित नहीं रहा। संभल, रामपुर, बिजनौर और अमरोहा में भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं। विभाग की नजर अब इन जिलों में भी संदिग्ध कारोबारियों पर है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि टैक्स चोरी में लिप्त किसी भी व्यापारी को नहीं छोड़ा जाएगा। कार्रवाई तेज़ कर दी गई है, और आने वाले दिनों में कई और नाम सामने आने की संभावना है।
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