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पीने के पानी को तरसे नवीन मंडी मुरादाबाद के आढ़ती व कारोबारी

इन कारोबारियों ने मंडी सचिव से मांग की है कि गर्मी का मौसम शुरू होने में कुछ ही देना शेष रह गए हैं। इसलिए मंडी के भीतर पीने के पानी की व्यवस्था मंडी सचिव की ओर से अवश्य करवाना चाहिए।

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Anupam Singh
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पानी की एक बूंद भी नहीं टपकती।

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

आपने वह स्लोगन तो सुना होगा की प्यास है बड़ी ़़ ़ ़  कुछ यही हाल मुरादाबाद नवीन मंडी में आने जाने वाले खरीददारों, पल्लेदारों और मंडी के भीतर काम कर रहे कारोबारी वा आढ़तियों का है, जो पीने के पानी से भी वंचित हैं। मंडी इन कारोबारियों और आढ़तियों से लाखों रुपए का टैक्स तो वसूलती है। मगर मूलभूत सुविधाओं से उन्हें वंचित रखती है। 

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 स्थिति यह है कि मंडी की भीतर आप घुमिये। कहीं पर भी पीने का पानी आपको नहीं मिलेगा। हां अगर आपकी जेब में पैसे हैं तो आप बाहर से बोतल वाला पानी खरीद सकते हैं। इसको लेकर मंडी के कारोबारी और आढ़तियों में मंडी के अधिकारियों के खिलाफ काफी रोष है। मंडी के कारोबारी और आढ़तियों का कहना है कि इस बारे में कई बार मंडी सचिव को अवगत करवाया गया बावजूद इसके मंडी सचिव ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। पीने के पानी के लिए दो-तीन टंकियां बनी हुई थी। प्याऊ भी बने थे।

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जर्जर हो चुकी पानी की टंकी।

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 मगर मंडी सचिव की ओर से ध्यान न दिए जाने कारण वह रखरखाव अभाव में जर्जर हो गई। अब उसमें पीने का पानी तक नहीं आता है। इन कारोबारियों ने मंडी सचिव से मांग की है कि गर्मी का मौसम शुरू होने में कुछ ही देना शेष रह गए हैं। इसलिए मंडी के भीतर पीने के पानी की व्यवस्था मंडी सचिव की ओर से अवश्य करवाना चाहिए। नवीन मंडी मुरादाबाद के भीतर काम करने वाले कारोबारी राजेश कुमार, बृजेश, मोहम्मद खालिद, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद रहीस, नवीन सिंह, बृजेश सिंह आदि का कहना है कि मंडी के अधिकारी और कर्मचारी उनकी सुविधाओं पर ध्यान नहीं देते हैं।

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मंडी सचिव महादेवी।

 मुख्यालय को बताया गया है : महादेवी

मंडी सचिव महादेवी से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पीने के पानी की जो समस्या है। उसके लिए जो टंकियां रखवाई गई थी और जो टंकी बनी थी। वह जर्जर हो चुकी हैं। उसके निर्माण के लिए मुख्यालय को सूचित किया गया है। मंडी की निर्माण इकाई इस काम को करवाएगी। मंडी सचिव ने बताया कि उनकी कोशिश रहेगी गर्मी आने से पहले पीने के पानी की व्यवस्था यहां पर कर दी जाए।

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