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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के बयान ने मुरादाबाद की सियासत और धार्मिक हलकों में नया विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, शौकत अली ने बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री “नकली हिन्दू” हैं और उन्हें सनातन धर्म का वास्तविक अर्थ तक पता नहीं है। शौकत अली ने कहा कि “सनातन का मतलब सीधे आसमान से जो उतरा वही सनातनी है। धीरेन्द्र शास्त्री को न चारों वेदों का ज्ञान है और न ही सनातन का असली मर्म समझ आता है। ऐसे लोग समाज में नफरत फैलाते हैं और इन्हें जेल भेजा जाना चाहिए।”
इस्लाम धर्मगुरु मदनी साहब ने भी यही बात कही थी कि हम सब आदम यानी मनु महाराज की औलाद हैं
इसी कड़ी में कथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज उर्फ अतुल महाराज शौकत अली के पक्ष में सामने आए। उन्होंने कहा कि “उन्होंने बिल्कुल सही कहा है। इस्लाम धर्मगुरु मदनी साहब ने भी यही बात कही थी कि हम सब आदम यानी मनु महाराज की औलाद हैं। अलग-अलग कालखंड में लोग अलग-अलग धर्मों में बंटे—1400 ईसा पूर्व इस्लाम आया, 2000 ईसा पूर्व क्रिश्चियन धर्म आया और 3000 ईसा पूर्व यहूदी धर्म की शुरुआत हुई। लेकिन परंपरा और पूर्वज सबके एक ही रहे। अगर डीएनए टेस्ट कराया जाए तो सभी का परिणाम एक जैसा निकलेगा। नेता राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं, जबकि असल में समाज को जोड़ने की जरूरत है। सभी धर्माचार्यों को एक मंच पर बैठकर इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और जो गलत है उसे बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।”
कथा वाचक ओम कृष्ण शास्त्री ने भी शौकत अली की बात का समर्थन किया
इधर, कथा वाचक ओम कृष्ण शास्त्री ने भी शौकत अली की बात का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने धीरेन्द्र शास्त्री पर की गई टिप्पणी को अनुचित करार दिया। ओम कृष्ण शास्त्री ने कहा, “धरती पर सबसे पहले मनु महाराज आए थे। इस्लाम में उन्हें आदम कहा जाता है, क्रिश्चियन धर्म में गॉड कहा जाता है और सनातन धर्म में मनु महाराज। भगवान ब्रह्मा ने धरती पर मनु महाराज को भेजकर सृष्टि की रचना की। समय के साथ लोग अलग-अलग समुदायों और धर्मों में बंट गए, लेकिन हमारी जड़ें एक ही हैं।”
शौकत अली के इस बयान से जहां राजनीतिक गलियारों में हलचल है, वहीं धार्मिक जगत में भी चर्चा तेज हो गई है। एक तरफ उनके समर्थन में आवाजें उठ रही हैं तो दूसरी तरफ उनकी आलोचना भी हो रही है। फिलहाल यह बयान उत्तर प्रदेश की सियासत में गरमाहट बढ़ाने का काम कर रहा है।
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