वाईबीएन, संवाददाता।
मझोला थाना क्षेत्र के लाइन पार में झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से एक युवक की मौत हो गई,युवक को बुखार काफी दिन से बुखार की शिकायत थी जिसके बाद पास के नैतिक क्लिनिक पर दवाई लेने चला गया जहां पर झोलाछाप डॉक्टर सतपाल सिंह ने युवक को इंजेक्शन लगाया था। जिसके बाद युवक के मुंह से झाग आने लगे और युवक को मौत हो गई युवक की मौत से आक्रोशित हुए परिजनों ने शव को हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया, जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पडा।सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
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आखिर कब तक जिंदगियों से खिलवाड़ करते रहेंगे झोलाछाप
बीते दिनों पाकबड़ा थाना क्षेत्र स्थित एक हॉस्पिटल में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया था जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से अस्पताल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।उसके बाद जनपद में फिर एक झोलाछाप डॉक्टर पर आरोप है कि उसके द्वारा युवक को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने की बात करता हुआ नजर आता है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुबह को अस्पताल सील किए जाते हैं और शाम को मोटी रकम लेकर खोल दिए जाते हैं,बीते दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात डॉ नरेंद्र चौधरी की करतूत सबके सामने आ चुकी है। डॉ नरेंद्र चौधरी का एक ऑडियो भी जमकर वायरल हुआ था जिसमें वह अपने मुखबिर से किस अस्पताल पर कार्रवाई करनी है और किस पर नहीं करनी है ये बातें करते हुए सुनाई दे रहे थे। ऑडियो वायरल होने के बाद डॉ नरेंद्र चौधरी को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया था।
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भ्रष्टाचार में लिप्त है मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय
जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों से कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से कई जिंदगियां समय से पहले ही काल के गाल में समा गईं।इतना कुछ होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद सोया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध क्लिनिक और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई ठोस कदम ना उठाए जाने से झोलाछाप डॉक्टरों के हौंसले बुलंद नजर आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक अगर स्वास्थ्य विभाग किसी का अवैध अस्पताल सील करता है या तो उसे शाम को ही खोल दिया जाता है या फिर किसी अन्य नाम से उसी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कर दिया जाता है। जिससे स्वास्थ्य विभाग को मोटी कमाई होती है।
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