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मुरादाबाद के बीएसए ऑफिस में तैनात लिपिक को बरेली की विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण द्वितीय की विशेष अदालत ने दोषी माना है। इस बारे में जब यहां बीएसए से पूछा गया तो उन्होंने कुछ बताने से इंकार कर दिया।
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यहां बता दें कि शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने 7 जुलाई 2011 को बीएसए अमरोहा को एक शिकायती पत्र दिया था, जिसमे बीएसएस दफ्तर में तैनात लिपिक धर्मेंद्र कुमार की लिखित शिकायत की थी और कई तरह के पैसे के लेन-देन के गंभीर आरोप लगाये थे।
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इसके बाद मामला बरेली की विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण द्वितीय की विशेष अदालत में चला। जहां पर अदालत ने वादी और परिवादी दोनों पक्षों को सुना। मगर परिवादी साक्ष्य देने में सफल नहीं हो सका। फलस्वरूप बरेली की विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण द्वितीय की विशेष अदालत मुरादाबाद बीएसएस दफ्तर में तैनात धर्मेंद्र कुमार दो दोषी पाया।
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इस बारे में जब बीएसए विमलेश कुमार से पूछा गया तो किसी तरह की जानकारी होने से इन्कार कर दिया। हालांकि यह जरूर बताया कि संबंधित बाबू को सजा सुनाए जाने संबंधी आदेश की जानकारी अभी नहीं मिली है। हालांकि वह दफ्तर नहीं आए। बताते हैं कि इस मामले में दोषी लिपिक धर्मेंद्र कुमार को सश्रम पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है।