मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
बिहार के मुख्यमंत्री से यहां का बौद्ध समाज काफी खफा है। बौद्ध समाज से जुड़े हुए लोगों ने आज डीएम को ज्ञापन सोपा और बिहार में स्थित महाबोध बिहार बोधगया के प्रबंधन व्यवस्था को हिंदुओं के हाथों में सौंपने पर नाराजगी।
बिहार प्रदेश का अधिनियम 1949
सौंपे ज्ञापन में आगे कहा कि स्वतन्त्र भारत में जहाँ हिन्दू मन्दिरों की प्रबन्ध-व्यवस्था हिन्दुओं के हाथों में, गुरुद्वारों की सिक्खों के हाथ, चर्चा की ईसाइयों के हाथ तथा मस्जिदों की मुसलमानों के हाथ में होती है, तो महाबोधि महाविहार बोध गया की प्रबन्ध व्यवस्था में हिन्दुओं का कब्ज़ा क्यों? यह बिहार प्रदेश का अधिनियम 1949 है, जो भारतीय संविधान की भावनाओं का घोर विरोधी, और बौद्धों के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है।
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हिन्दू-ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा अवैध कब्जा रोका जा सके
भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश (पंजीकृत) की सभी राज्यों की सभी स्तर की इकाइयों द्वारा आपको यह ज्ञापन पत्र सौंपते हुए मांग करती है कि महाबोधि महाविहार बोधि गया परिसर में विगत दिनों से बौद्ध भिक्षुओं, बौद्धों द्वारा जारी महाबोधि महाविहार मुक्ति आन्दोलन-आमरण अनशन को ध्यान में रखते हुए बी० टी० ऐक्ट 1949 को तत्काल निरस्त किया जाए। महाबोधि महाविहार बोध गया टेम्पिल की प्रबन्ध समिति में शत-प्रतिशत बौद्धों को रखा जाये, ताकि महाविहार बोधगया पर हिन्दू-ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा अवैध कब्जा रोका जा सके।
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यह भी मौजूद रहे
इस मौके पर डी-सी-गोला, अष्णा देवी, कमलेश देवी, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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