Corruption: मुरादाबाद नगर निगम का काम ऐसा, शरमा जाएं विभाग के मंत्री व प्रमुख सचिव
मुरादाबाद नगर निगम ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां पर विकास के नाम पर इस तरह से काम किया जा रहा है कि उस काम को देखकर नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव और मंत्री दोनों शरमा जाएं।
मेयर साहब और नगर आयुक्त गौर से देखिये जैन मंदिर से खालसा को जाने वाली टाइल्स की सड़क पर रातोंरात किस तरह से तारकोल डालकर लिया जा रहा है पेमेंट।
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।मुरादाबाद नगर निगम ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां पर विकास के नाम पर इस तरह से काम किया जा रहा है कि उस काम को देखकर नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव और मंत्री दोनों शरमा जाएं। स्थिति यह है सड़कों के निर्माण में जो असंभव है। उसे भी नगर निगम संभव करके दिखा रहा है। अगर पहले से कहीं पर टाइल्स वाली रोड बनी हुई है तो उसके ऊपर तारकोल की रोड बना दी जा रही है और अगर तारकोल वाली रोड बनी है तो उसके ऊपर टाइल्स बिछा दी जा रही, जो आगामी बरसात भी नहीं झेल सकेगी। यह सब यहां के नगर विकास विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। मगर अधिकारी अपने आप को सेटिंगबाज बताते हैं।
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केस नंबर-एक
जैन मंदिर से खालसा को जाने वाली सड़क है। अच्छी खासी टाइल्स की सड़क पर रातोरात कोलतार की सड़क डाल दी गई।
केस नंबर-दो
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कानून गोयान हाथी वाला मंदिर रोड बनाई गई और कानून गोयान में ही सरकारी ट्यूबवेल से रानी किशोरी फाटक तक साल भर पहले बनी टाइल्स की सड़क पर रातोंरात कोलतार की सड़क बना दी गई।
केस नंबर-तीन
एमडीए कालोनी में चाहें रामगंगा विहार हो या दीनदयाल नगर हो, आशियाना हो, नवीन नगर हो। टाइल्स की सारी सड़कें बिना पत्थर डाले बनाई गईं है। इतनी धांधली हो रही है पत्थर का सारा रुपया ठेकेदार और जेई की जेब में जा रहा है।
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केस नंबर-चार
ए ब्लॉक में दो महीने पहले कोलतार से सड़क बनी। उसके ऊपर ठेकेदार ने बगैर पत्थर डालवाये टाइल्स की सड़क बना दी।
कांठ रोड पर किले से तहसील जाने वाली रोड के ठीक सामने नेहा ब्यूटी पार्लर वाली रोड, बगैर पत्थर डाले लगा दी टाइल्स।
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केस नंबर -पांच
कांठ रोड पर तहसील वाली रोड के ठीक सामने नेहा ब्यूटी पार्लर वाली रोड पर ऐसे ही बिना पत्थर डाले रेते पर दबादब टाइल्स लगाई गई।
केस नंबर-छह
लोकशेड पुल के पास चंद्रनगर में भी टाइल्स वाली रोड पर रातोंरात तारकोल बिछाकर बिल बाउचर पास करा लिया गया है।
केस नंबर-सात
कानून गोयान वार्ड 39 में चामुंडा देवी मंदिर से लेकर हाथी वाला मंदिर सरकारी ट्यूबवेल तक अच्छी खासी टाइल्स की सड़क के ऊपर ही कोलतार की सड़क डाल दी गई।
मेयर, नगर आयुक्त और चीफ इंजीनियर अनभिज्ञ !
जिस तरह से मेयर, नगर आयुक्त और चीफ इंजीनियर के संरक्षण में नगर विकास विभाग के बजट की कमीशनखोरी हो रही है, उससे लगता है, ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए जगह जगह जबरदस्ती सही सड़कें दोबारा मानक के विपरीत बनाई जा रही हैं, जो एक बरसात भी नहीं झेल पाएंगी। इस बारे में नगर आयुक्त का पक्ष जानने की कोशिश की गई। संपर्क नहीं हो सकता
क्या बताते हैं विभागीय इंजीनियर
नाम ना छापने की शर्त पर विभागीय इंजीनियर बताते हैं कि टाइल्स रोड एक प्रकार का सड़क निर्माण होता है जिसमें ईंटें या ब्लॉक एक-दूसरे से जुड़कर एक मजबूत सतह बनाते हैं, जबकि तारकोल रोड में डामर का उपयोग किया जाता है। दोनों के लिए अलग-अलग प्रक्रियाएं, सामग्री के साथ दोनों की मजबूती अलग-अलग होती है।
व्यावहारिक रूप से, टाइल्स रोड पर तारकोल रोड बनाना मुश्किल होता है, क्योंकि दोनों सतहें अलग-अलग होती हैं। तारकोल को बिछाने के लिए एक मजबूत आधार की आवश्यकता होती है, जो कि इंटरलॉकिंग रोड में पहले से मौजूद नहीं होता है। इंटरलॉकिंग रोड और तारकोल रोड की सतहें अलग-अलग होती हैं, इसलिए दोनों के बीच कोई सही संबंध नहीं होता है, जिससे तारकोल रोड को बिछाना मुश्किल हो सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो सड़क दो-चार महीने में ही क्षतिग्रस्त होने लगेगी।
यह करना होता है कार्य
सफाई: तारकोल रोड पर टाइल्स बिछाने के लिए सबसे पहले, तारकोल रोड की सतह को साफ करना होगा, ताकि धूल, गंदगी और अन्य अवशिष्ट सामग्री हटा दी जाए।
आधार तैयार करना: इंटरलॉकिंग ईंटों के लिए एक सपाट और मजबूत आधार तैयार करना होगा। इसमें कुचले हुए पत्थर, बजरी और रेत की परतें शामिल हो सकती हैं। फिर, इंटरलॉकिंग ईंटों को एक विशेष पैटर्न में, आधार पर बिछाना होगा, जिससे वे एक साथ लॉक हो जाएं।